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Sidhi news: सीधी में किसानों को धान की यंत्रीकृत रोपाई हेतु कृषि यंत्र पैडी राइस ट्रासंप्लांटर यंत्र अनुदान पर कराए जा रहे उपलब्ध

Sidhi news: सीधी में किसानों को धान की यंत्रीकृत रोपाई हेतु कृषि यंत्र पैडी राइस ट्रासंप्लांटर यंत्र अनुदान पर कराए जा रहे उपलब्ध।

सीधी। सहायक कृषि यंत्री ने जानकारी देकर बताया है कि सीधी जिले में खरीफ की मुख्य फसल के रूप में धान की फसल का उत्पादन किसानों द्वारा किया जाता है। जिले के किसानों द्वारा मुख्य रूप से धान की बेहन की रोपाई हाथों से की जाती है जिसमें अत्यधिक श्रम एवं समय की आवश्यकता होती है। उपयुक्त समय पर पर्याप्त मात्रा में श्रम की अनुपलब्धता एवं अधिक समय लगने के कारण धान की फसल की रोपाई में देर हो जाती है एवं समस्याएं भी आती हैं। उपरोक्त परिस्थितियों एवं समस्याओं के समाधान हेतु धान की यंत्रीकृत विधि से रोपाई करने हेतु पैडी राइस ट्रान्सप्लांटर यंत्र तेजी से प्रचलन में आ रहा है जिससे समय एवं श्रम की बचत एवं धान की बेहन की रोपाई वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तावित दूरी एवं गहराई पर की जाती है जिससे धान की फसल की उत्पादकता में बढ़ोत्तरी आती है एवं किसानों को अच्छी फसल एवं लाभ प्राप्त होता है।

पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर मशीन की तकनीकी विवरण एवं कार्य करने की विधि

पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर यंत्र धान की पूर्व से तैयार नर्सरी की यंत्रीकृत रोपा लगाने की मशीन है जो अलग-अलग कतार संख्या में एक साथ रोपाई की क्षमता की बनाई जाती है। यह यंत्र 4 कतारों, 6 कतारों एवं 8 कतारों में एक साथ रोपा लगाने हेतु उपलब्ध है। पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर यंत्र से यंत्रीकृत रोपाई हेतु धान की नर्सरी चटाईनुमा तकनीक से लगाई जाती है। चटाईनुमा तकनीक से तैयार धान की नर्सरी (पौधे) को यंत्र के प्लाट में रखकर सीधे रोपाई की जाती है तथा इसमें कम से कम मानव श्रम (2-3 मानव श्रम) की आवश्यकता होती है। पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर यंत्र की क्षमता कतारों एवं प्रकार (राईडिंरग टाईप/ वॉक बिहाइंड टाइप) पर निर्भर करती है। राईडिंग टाइप में चालक द्वारा मशीन पर बैठकर नर्सरी की यंत्रीकृत रोपाई की जाती है एवं वॉक बिहाइंड टाईप में चालक को मशीन के पीछे पैदल चलकर मशीन को संचालित एवं धान की नर्सरी की यंत्रीकृत रोपाई की जाती है। पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर यंत्र से रोपाई विधि में पौधे से पौधे, कतार से कतार की दूरी एवं रोपाई की गहराई आवश्यकता अनुसार कम या ज्यादा की जा सकती है।

किसानों को होने वाले लाभ

कतार से कतार, पौधे से पौधे की दूरी एवं रोपाई की गहराई वैज्ञानिक द्वारा निर्धारित माप पर होने से पौधे की अच्छी बढ़वार होती है एवं अच्छी उत्पादन प्राप्त होती है। नर्सरी चटाईनुमा तकनीकी से तैयार करने से धान की नर्सरी की गुणवत्ता उत्तम होती है। कतार युक्त फसल होने के कारण फसलों के बीच में निराई गुड़ाई कार्य एवं फसल कटाई आसानी से की जाती है। परिश्रम, लागत और समय की 40 से 50 प्रतिशत तक बचत होती है। उत्पादन में 30 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि आती है। अत्यंत आसान तथा सुरक्षित यंत्र है।

वर्तमान में उक्त कृषि यंत्र पैडी राइस ट्रासंप्लांटर यंत्र कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय म.प्र. शासन द्वारा मांग अनुसार श्रेणी में अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिसकी जानकारी कृषक स्वयं ऑनलाइन ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर www.dbt.mpdage.org पर आवेदन कर सकते हैं अथवा अधिक जानकारी हेतु जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं ।

आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

आवेदक के नाम पर भूमि संबंधित दस्तावेज की छायाप्रति (फार्म-ठ-1), आवेदक का आधार कार्ड की छायाप्रति, आवेदक के बैंक पास बुक की छायाप्रति, जाति प्रमाण-पत्र (केवल एससी एवं एसटीकृषकों हेतु), धरोहर राशि रूपये 5 हजार रूपये का डी.डी. सहायक कृषि यंत्री सीधी के नाम पर आवश्यक है।

किसानों को मिलने वाला अनुदान

कृषकों के संवर्ग (लघु/सीमान्तर/अन्य/महिला/पुरूष/एससी/एसटी) अनुसार अनुदान 40 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत शासन द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा अनुसार प्रदाय की जाती है।

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