Sihawal news: बारिश का एक सीजन भी नहीं झेल पाया लाखों रुपए से बना चेक डैम पहली बारिश में ही बहा

Sihawal news: बारिश का एक सीजन भी नहीं झेल पाया लाखों रुपए से बना चेक डैम पहली बारिश में ही बहा।
सीधी। केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार ग्रामीण विकास को लेकर चाहे कितनी भी राशि खर्च क्यों न कर ले धरापटल पर भ्रष्टाचार ही देखने को मिलता है जिसकी बानगी देखने को मिली है सीधी जिले के जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत गेरुआ पंचायत में जहां लाखों रुपए की लागत से बना चेक डैम पहली बारिश भी नहीं झेल पाया और थोड़े से ही बहाव में बह गया जिसको देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है की गुणवत्ता के मानकों का कितना प्रयोग किया गया होगा।

यहां के सरपंच-सचिव व उपयंत्री की तिकड़ी जमकर भ्रष्टाचार कर रही है। इनके भ्रष्टाचार पर किसी की नजर नहीं जा पा रही है। इस तिकड़ी द्वारा ग्राम पंचायत में सांठ-गांठ से पांच बोल्डर चेक डैम बनाये गए थे लेकिन ये एक दिन की बरसात भी झेल नहीं सकी और जमीदोज हो गए हैं। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि सरपंच इमरान खान,सचिव रामकरण पटेल एवं उपयंत्री अमरपाल अगरिया द्वारा सांठ-गांठ करते हुए नीचे मिट्टी डलवाकर ऊपर से पत्थर चिपकवा दिया गया जिससे बरसात आई और पूरे निर्माण कार्य की पोल खुल गई। एक बोल्डर चेक डैम की लागत 1 लाख 28 हजार रूपये थी। जिस हिसाब से पांच बोल्डर चेक डैम के नाम पर 6 लाख 40 हजार रूपये आहरित कर लिये गए और दूसरी तरफ विगत दिनो हुई बरसात में इन घटिया निर्माण कार्यो की पोल खोल के रख दी है।

साइड पर नही जाते उपयंत्री
ग्राम पंचायतों में सरपंच एवं सचिव किस तरह का कार्य करा रहे है इसको देखने की जरूरत इंजीनियर नहीं समझ रहे हैं। इनको सिर्फ अपने कमीशन से मतलब रहता है। जैसे ही कमीशन मिला वैसे ही टीएस जारी कर दिया जाता है बाद में भले ही वह कार्य कितना भी घटिया न हो। इसकी बानगी गेरूआ पंचायत में देखने को मिल रही है यहां पदस्थ उपयंत्री अमर पाल अगरिया द्वारा घर बैठे-बैठे मूल्यांकन कर दिया गया और नतीजा सबके सामने आ गया है।
जिले में चरम पर हैं भ्रष्टाचार
ऐसा नहीं है कि इस तरह का घटिया निर्माण कार्य सिर्फ सिहावल जनपद में ही हो रहा है बल्कि सीधी जिले के समस्त जनपद पंचायतों के ग्राम पंचायतों में जितने भी इस तरह के निर्माण कार्य हो रहे हैं काफी घटिया व गुणवत्ता हीन हो रहे हैं जिसकी वजह से शासन को करोड़ों रुपए का चूना पंचायत कर्मी लगाने में कामयाब हो रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गेरूआ ग्राम पंचायत में सरपंच,सचिव एवं उपयंत्री द्वारा मिलकर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस पूरे भ्रष्टाचार की शिकायत भी कई बार जनपद एवं जिला पंचायत में की गई लेकिन किसी के भी द्वारा जांच करने की हिम्मत नही जुटाई गई जिससे घटिया कार्य कराकर सरपंच,सचिव एवं उपयंत्री मालामाल हो रहे है।
क्या इस भ्रष्टाचार की हो पाएगी जांच खड़े हो रहे सवाल
जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं लोग दबी जुबान में आपस में चर्चाएं भी कर रहे हैं कि इन भ्रष्टाचारियों की पकड़ काफी ऊपर तक है राजनीतिक पकड़ होने की वजह से इस पूरे मामले को दबा दिया जाएगा जबकि जनपद मुख्यालय से बात की जाए तो महज 4 से 5 किलोमीटर की दूरी है जहां पर विकासखंड स्तर के सभी अधिकारी कर्मचारी बैठते हैं।
प्रतिनिधि व कर्मचारी करें निरीक्षण तो और खुलेगी पोल
बात सिर्फ गेरुआ पंचायत की नहीं है अगर जनता के चुने हुए प्रतिनिधि जैसे जनपद सदस्य, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की भी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्यों का सतत रूप से निरीक्षण करें उनके ऐसा ना करने की वजह से ही इस तरह के विकास कार्य सामने निकल कर आते हैं। जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं।
इनका कहना हैं-
हमें इस संबंध में जानकारी नहीं है कि बोल्डर चेक डैम बह गया है। मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है जिसकी जांच कराई जायेगी और दोषियों के ऊपर कार्रवाई भी की जायेगी।
अनिल तिवारी, सीईओ जनपद पंचायत सिहावल
गेरूआ ग्राम पंचायत में बोल्डर चेक डैम तो बना था अब वो बह गये है या बचें है इसके संबंध में हमें जानकारी नहीं है।
अमरपाल अगरिया, उपयंत्री सिहावल