High Court की ग्वालियर खंडपीठ में जस्टिस विशाल मिश्रा के समक्ष कैलारस शुगर मिल के कर्मचारियों के भुगतान से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने सख्त रवैया के साथ मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना और मामले के ओआईसी (प्रभारी अधिकारी) से तीखी पूछताछ की।
उन्होंने 2019 से अब तक इस मुद्दे पर दायर 50 से अधिक याचिकाओं का हवाला देते हुए सख्त लहजे में पूछा कि आप श्रमिकों को कब तक भुगतान करेंगे। इस पर ओआईसी ने जवाब दिया कि सर संबंधित संपत्ति का अभी तक निस्तारण नहीं हुआ है। कोर्ट ने फिर पूछा कि कितना समय लगेगा? ओआईसी ने एक साल मांगा तो कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि वह सिर्फ 90 दिन ही दे सकते हैं, इससे ज्यादा नहीं।
यदि आप इस अवधि के भीतर इसे हल कर सकते हैं, यदि नहीं, तो सरकार से पैसा लें और कर्मचारियों को भुगतान करें, सरकार के पास बहुत पैसा है। ओआईसी ने उनसे यह कहते हुए और समय मांगा कि सरकार इसके लिए भुगतान नहीं करती है, लेकिन अंततः अदालत अपने फैसले पर कायम रही और उन्हें मामले को सुलझाने के लिए 90 दिन का समय दिया।