केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक समावेशी व न्यायपूर्ण बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के ट्रांसजेंडर बच्चे और भाई-बहन, उम्र की किसी भी सीमा से परे केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा योजना (CGHS) और केंद्रीय सेवा (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 1944 के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।
क्या है नया प्रावधान
हाल ही में जारी आदेश (16 सितंबर 2025) के अनुसार—
ट्रांसजेंडर बच्चे और भाई-बहन को चिकित्सा लाभ मिलेगा।
इसके लिए उम्र की कोई सीमा तय नहीं होगी।
पात्रता तभी होगी जब वे पूरी तरह से आर्थिक रूप से आश्रित हों।
लाभ के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी मान्य ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र आवश्यक होगा।
समावेशिता की दिशा में कदम
यह निर्णय ट्रांसजेंडर पर्सन्स (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के अनुरूप है। इसका उद्देश्य है कि ट्रांसजेंडर आश्रितों को भी परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही स्वास्थ्य सुरक्षा मिले। इससे समाज में समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में एक मजबूत संदेश जाएगा।
CGHS में हाल ही में हुए सुधार
पिछले 12 महीनों में सरकार ने CGHS को और बेहतर बनाया है:
पोर्टल और मोबाइल ऐप को अपग्रेड किया गया।
कैशलैस इलाज की सुविधा अधिक अस्पतालों तक बढ़ाई गई।
नए प्राइवेट अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर पैनल में शामिल किए गए।
ऑनलाइन रेफरल प्रक्रिया आसान की गई।
दवाइयों की उपलब्धता पर खास ध्यान दिया गया।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष हेल्पडेस्क शुरू किए गए।
इन सभी सुधारों का सीधा लाभ लाखों परिवारों को मिला है।