राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होगी रामलाल की पूजा अर्चना और सेवा वाले पुजारी एवं सहयोगियों की सैलरी तय की गई है। 21 पुजारी को 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद अगर उनमें से किसी को भव्य मंदिर का पुजारी के लिए रखा जाएगा तो वह 25 से ₹30000 महीने सैलरी पाएंगे जिसमें वह सारी सुविधाएं दी जाएगी जो आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों को मिलती है
राम मंदिर ट्रस्ट के निमंत्रण में आने वाले मंदिर में कार्यरत कर्मचारियों को बहुत कम पारिश्रमिक पर संतोष करना पड़ता था। राम जन्म भूमि मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मीडिया को जानकारी दी कि विवादित ढांचा विध्वंस के बाद 1992 में रिसीवर में उनके मासिक वेतन मात्र ₹100 तय किया था। जिसके बाद समय-समय पर बढ़ोतरी होती गई ,लेकिन 32 साल की सेवा में उन्होंने लंबे समय तक इतने कम वेतन में पुजारी का कार्य किया जिससे वह किसी को बताने लायक नहीं समझते
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उन्होंने जानकारी दी की ऐतिहासिक फैसला आने के बाद 1000 से लेकर 12000 रुपए तक कई चरणों में वेतन की वृद्धि की गई वह भी रिसीवर का वेतन बढ़ाने के लिए कई बार मांग करते रहे पर जब मंदिर ट्रस्ट के निमंत्रण में आया तो 2020 के बाद पुजारी के वेतन क्रम में रिवीजन किया गया जिसमें ₹12000 से प्रधान पुजारी वेतन बढ़कर ₹15000 महीने किया गया था। इसके बाद एक बार फिर पुजारी और कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया गया जिसमें प्रधान पुजारी के वेतन ₹25000 किया गया
लाखों करोड़ों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए इसी साल मंदिर ट्रस्ट ने एक बार पुजारी को बड़ा तोहफा दिया। पुजारी का वेतन सरकारी कर्मचारियों के बराबर कर दिया उन्हें छुट्टी और अन्य सुविधाएं भी सरकारी एवं कंपनी कर्मचारियों की तरह मिलने लगी वेतन में अपडेट कर प्रधान पुजारी का वेतन 35000 रुपए सहायक पुजारी का वेतन प्रत्येक ₹33000 मासिक एवं भंडारी व कोठारी का मासिक वेतन बढ़कर ₹24000 किया गया हाल ही में एक नए भंडारी की नियुक्ति हुई जिनकी सैलरी 19000 रुपए मासिक वेतन पर है।