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इस बार बसंत पंचमी पर बनें ये 4 अत्यन्त शुभ योग हर कार्य में दिलाएंगे सफलता

इस बार बसंत पंचमी पर बनें ये 4 अत्यन्त शुभ योग हर कार्य में दिलाएंगे सफलता 

 

भारतीय परंपरा में बसंत पंचमी को शिक्षा का पर्व माना गया है। प्राचीन भारत में इस दिन न केवल नए कार्यों की शुरूआत की जाती थी वरन बच्चों का उपनयन संस्कार भी होता था। इस दिन गुरुकुलों में शिक्षा देने की शुरूआत की जाती थी। यही कारण है कि इस दिन ज्ञान, बुद्धि और कला की आधिष्ठात्री मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार बसंत पंचमी प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी को आती है। इस बार बसंत पंचमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं जिनमें पूजा का आरंभ करना बहुत ही शुभ माना गया है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार 4 शुभ योग बने हैं। जानिए इस बार के बसंत पंचमी पर आने वाले शुभ मुहूर्तों के बारे में

बसंत पंचमी पर बने ये हैं 4 अत्यन्त शुभ योग 

पंचांग के अनुसार इस बार बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए कई शुभ योग बने हैं। फिर भी सुबह 7.12 बजे से दोपहर 12.33 बजे तक का समय सर्वार्धिक शुभ माना गया है। इस समय की मां भगवती की विधिवत पूजा की जा सकती है।

सर्वार्थसद्धि योग

समस्त शुभ योगों में महत्वपूर्ण सर्वार्थसिद्धि योग इस बार बसंत पंचमी के दिन सायं 6.57 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 7.12 बजे तक रहेगा। इस योग में किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत की जा सकती है।

रवि योग 

बसंत पंचमी पर सायं 6.57 बजे से अगले दिन सुबह 7.12 बजे तक रवि योग रहेगा। यह भी एक शुभ योग है तथा यह तब बनता है जब चन्द्रमा सूर्य से 4 नक्षत्र की दूरी पर होता है।

शिव योग 

ज्योतिष के अनुसार जब नवें भाव का स्वामी ग्रह दसवें भाव तथा दसवें भाव का स्वामी ग्रह पांचवे भाव में हो तो शिव योग का निर्माण होता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह भी एक बहुत ही शुभ योग माना गया है। यह 26 जनवरी को सुबह 3.10 बजे से दोपहर 3.29 बजे तक रहेगा.

सिद्ध योग

जब किसी विशेष दिन, तिथि तथा नक्षत्र का मिलन होता है तो उस योग को सिद्ध योग कहा जाता है। इस योग में शुरू किए गए सभी कार्यों में निस्संदेह सफलता मिलती है। अतः इसका विशेष महत्व है। इस बार बसंत पंचमी पर सिद्ध योग भी बन रहा है

बसंत पंचमी पर कर सकते हैं ये कार्य आरंभ 
यूं तो यह पर्व मां भगवती के सौम्य तथा शिक्षादायी स्वरूप की आराधना का पर्व है। फिर भी इस दिन किसी भी तरह का कार्य आरंभ किया जा सकता है। इस दिन आप निम्न कार्यों की शुरूआत कर सकते हैं।

किसी भी तरह के तंत्र-मंत्र अथवा धार्मिक अनुष्ठान की शुरूआत की जा सकती है।
यदि कोई नई विद्या सीखना चाहते हैं तो इस दिन उस विद्या की शुरूआत की जा सकती है।
आप बसंत पंचमी पर अपने गुरु से गुरु मंत्र या दीक्षा ले सकते हैं, उनकी पूजा कर सकते हैं।
कोई नया बिजनेस, व्यापार अथवा कुछ अन्य आरंभ करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं।

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