कांग्रेस का ये धाकड़ नेता बनेगा MP का नया सीएम शिवराज ने मारा ताना
MP में तय हो गया कांग्रेस का सीएम चेहरा Shivraj का तंज- जनता कह रही है सरकार तो आनी नहीं है
मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में सीएम पद की रेस को लेकर गुटबाजी सामने आ रही है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ ही सीएम के चेहरे हैं। वहीं अरुण यादव और राहुल सिंह ने कहा था कि चुनाव के बाद चेहरा तय होगा। शिवराज ने कांग्रेस पर तंज कसा है।
मध्य प्रदेश न अभी विधानसभा चुनावों की घोषणा हुई है, न ही अगले आठ महीने तक चुनावों के आसार हैं। इससे पहले ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बहस छिड़ गई है।
कांग्रेस इस समय दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है
एक धड़ा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमल नाथ को मुख्यमंत्री बनाने पर उतारू है। वहीं दूसरा नहीं चाहता कि कमलनाथ सीएम बनें। इस बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल पर लगातार तीन ट्वीट हुए हैं।
एक ट्वीट में कमलनाथ को अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बताया गया है। दूसरे ट्वीट में कमल नाथ सरकार द्वारा मुस्कान लाने की बात कही गई है। वहीं पीसी शर्मा ने बयान जारी करके कहा है कमलनाथ ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे।
पूर्व मंत्री ने कहा ये होंगे cm के दावेदार
मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कमलनाथ जी 2018 में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई।
2023 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस कमलनाथ जी के नेतृत्व में ही सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि एमपी में कांग्रेस के सीएम चेहरा कमलनाथ ही होंगे।
शिवराज ने कसा तंज
वहीं दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान ने एमपी कांग्रेस और पीसी शर्मा के बयान पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि दिल बहलाने को ‘ग़ालिब’ ये ख्याल अच्छा है। सीएम ने कहा कि कांग्रेस का कोई धनी-धोरी प्रदेश क्या देश में ही नहीं है। उनके नेता कह रहे हैं कि अभी मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं है। जनता कह रही है कि कांग्रेस की सरकार नहीं आनी है।
तीन दिन पहले विरोध में थे दो दिग्गज
आपको बता दें कि तीन दिन पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा था कि कांग्रेस में चुनाव के पहले चेहरा तय नहीं किया जाता है। जीत के बाद विधायक दल सीएम को तय करता है।
यादव के बयान पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी अपना समर्थन दिया था। इस लेकर कहा जा रहा था कि कांग्रेस में चुनाव आते ही एक बार फिर से गुटबाजी दिखने लगी है।
बता दें कि 2018 में एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी थी लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी