देश

चीन की चेतवनी क्या 2023 में चीन करेगा भारत पर हमला जाने क्या है वजह

2023 में भारत पर हमला कर सकता है चीन अमेरिका को ताकत दिखाने के लिए ताइवान नहीं, भारत पर चीन का 

2023…भारत के लिए ये साल नया तनाव ला सकता है। अमेरिका से चिढ़ा हुआ चीन अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए हिमालयी सीमा पर युद्ध कभी भी छेड़ सकता है 2023 में दुनिया में युद्ध की आशंका वाले इलाके कौन से हो सकते हैं, इसके एक आकलन में भारत-चीन युद्ध की आशंका सबसे ऊपर है।

खबर विस्तार से 

जानकारों का मानना है कि दुनिया में अभी अपनी ताकत साबित करने के लिए अमेरिका और चीन के बीच कुछ वैसा ही शीत युद्ध चल रहा है जो कभी रूस और अमेरिका के बीच चल रहा था।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद लगातार इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अब चीन अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए कोई एक्स्ट्रीम स्टेप ले सकता है। यह ताइवान पर कब्जे की कोशिश से लेकर जापान के सेनकाकू द्वीपों पर अपना हक जताने तक कुछ भी हो सकता है।
लेकिन इन दोनों ही सिनैरियो से ज्यादा आशंका चीन के भारत से उलझने की जताई जा रही है। अब तक भारत चीन से एक घोषित युद्ध लड़ चुका है। सियाचिन और इससे जुड़ी सीमा पर अघोषित युद्ध की स्थिति बरसों से बनी हुई है।

जानिए, क्यों 2023 में भारत और चीन के बीच युद्ध की आशंका ज्यादा है? क्यों चीन, ताइवान पर हमले के बजाय हिमालयी सीमा पर अशांति फैलाने में ज्यादा फायदा देखता है…

1940 के दशक में जब चीन का शासन कम्युनिस्ट पार्टी के हाथ में आया तो बचे हुए राष्ट्रवादी देश छोड़ ताइवान द्वीप पर जा बसे थे।

इन राष्ट्रवादियों ने ताइवान में लोकतांत्रिक शासन लागू किया था। आज चीन ताइवान को अपना हिस्सा बनाता है, मगर अमेरिका के समर्थन की वजह से वहां की लोकतांत्रिक सरकार स्वतंत्र शासन चलाती है।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इस बात की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ गई थी कि ताइवान को अपना हिस्सा बता चीन उस पर हमला कर सकता है। मगर अमेरिका खुले मंच पर यह कह चुका है कि अगर ताइवान पर हमला होता है तो वह उसकी मदद के लिए सेना भेजेगा।

अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैन्सी पलोसी 2 अगस्त, 2022 को ताइवान की यात्रा पर गईं थीं। इसे गैर-जरूरी कदम मानते हुए चीन ने उसी समय अपने लड़ाकू विमान वहां भेज दिए थे।

इतने तनाव के बावजूद ये माना जा रहा है कि 2023 में ताइवान पर सीधे हमले से चीन बचना चाहेगा। इसकी वजह साफ है कि ऐसे किसी भी कदम से अमेरिका सीधे जंग में उतर सकता है और चीन ऐसा नहीं चाहेगा।

2023 में इन द्वीपों पर अपने अधिकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए चीन नए स्तर पर प्रयास शुरू कर सकता है, लेकिन फिर भी वह युद्ध नहीं करना चाहेगा।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही जापान को एशिया में अमेरिका के प्रतिनिधि के तौर पर जाना जाता है। ऐसे में जापान से सीधे कोई भी जंग चीन की सेहत के लिए ठीक नहीं होगी।

चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग भी रूस की तरह अपने देश पर कोई वाणिज्यिक प्रतिबंध नहीं चाहेंगे।

भारत अभी चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौत इसीलिए उसे दबाने की कोशिश पर फोकस ज्यादा 

एशिया में अभी भारत चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में जापान भले आगे हो, मगर भारत की छवि ऐसे देश की है जो बिना किसी महाशक्ति के समर्थन के भी अपनी जगह तेजी से बना रहा है।

ऐसे में चीन की प्राथमिकता हर मोर्चे पर भारत को रोकने की है। चीन मानता है कि अगर सामरिक मोर्चे पर वह भारत को उलझाता है तो पूरे एशिया को अपनी ताकत दिखा सकता है। साथ ही उसे यकीन है कि भारत के मामले में अमेरिका सीधे तौर पर नहीं उतरना चाहेगा। ऐसे में विशेषज्ञ मानते हैं कि 2023 में भारत-चीन सीमा एशिया में तनाव का सबसे बड़ा पॉइंट बन सकता है। 

समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button