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जबलपुर:गरीबों के राशन पर घोटाला,प्रशासन ने 4 महीने बाद दर्ज़ की FIR, फिर भी विक्रेता को सेवा से हटाया तक नहीं

जबलपुर:गरीबों के राशन पर घोटाला,प्रशासन ने 4 महीने बाद दर्ज़ की FIR, फिर भी विक्रेता को सेवा से हटाया तक नहीं

मझौली तहसील के तलाड़ एवं नांदघाट सोसायटी का मामला

क्या नए भ्रष्टाचार को निमंत्रण दे रहे अधिकारी?
पहले भी सेल्समैन राधे यादव राशन घोटाले में जा चुका है जेल,और किसानों की धान गेहूं के साथ मूंग खरीदी में भी कर चुका है घोटाले फिर भी जांच कागजों में SDM सिहोरा के पास अटकी…..

SDM सिहोरा आशीष पांडे भी बात करने से बचते नज़र आएं, मूंग खरीदी घोटाला और राशन घोटाला उन्हीं के कार्यकाल में हुआ फिर भी कारवाई का कोई अता पता नहीं…

मझौली में गरीबों के PDS राशन से घोटाला
विभाग कर रहा लीपापोती, जबलपुर की तलाड़ और नांदघाट सोसाइटी का मामला

7.5 लाख़ रूपये की कीमत का PDS राशन कालाबाजारी में चला गया ,जिम्मेदार महीनों से चुप्पी साधे

राजधानी भोपाल से सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीबों के लिए नई नई योजना जनकल्याण के लिए बड़े बड़े दावे करते है,
लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इससे उलट है
क्योंकि भ्रष्टचार मध्यप्रदेश की नस नस में समाया हुआ इसकी एक बानगी हम आपको दिखा रहे है
ताज़ा मामला जबलपुर ज़िले की मझौली तहसील का है यहां पर गरीबों को मिलने वाले राशन में भारी भ्रष्टचार हुआ है, ख़ास बात यह है कि राशन दुकान संचालक को पूर्व में हटाने का आदेश उपायुक्त कार्यालय से दिया गया था लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए किसी भी प्रकार की कोई कारवाई
नहीं की, जिसका नतीज़ा यह है कि यह भ्रष्ट दुकानदार गरीबों के राशन पर डाका डालकर सरकारी राशन की कालाबजारी कर रहा है लेकिन विभाग के आला अफसरों के पास शिकायत जानें पर भी भ्रष्ट सेल्समैन को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

जहां आज भी गरीब और असहाय लोगों के लिए सरकार की योजना मिलनी कितनी कठिन है इसका आंकलन आप इस खबर से लगा सकते है।

दरअसल पूरा मामला जबलपुर ज़िले की मझौली तहसील में आने वाली शासकीय उचित मूल्य दुकान तलाड और नांदघाट का है, जहां गरीबों के साथ PDS राशन के घोटाले का मामला सामने आया है।
मामले की जानकारी को मझौली तहसीलदार प्रदीप मिश्रा ने कलेक्टर को भी अवगत कराया है। स्थानीय प्रशासन एसडीएम से लेकर ज़िले के कलेक्टर तक और विभाग के आला अफसरों तक बात गई लेकिन सब के सब मौन धारण किए बैठे है ??

CM शिवराज के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे अधिकारी
जबकि CM शिवराज सरकार के सख्त आदेश है गरीबों के राशन PDS घोटाला में किसी को नहीं छोड़ना है सीधा जेल भेजना है वस्तु अधिनियम के तहत पुलिस को FIR दर्ज करने की भी खुली छूट CM शिवराज ने दे रखी है।
फिर भी यह भ्रष्टचार पूरे सिस्टम की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है।

कैसे हुआ PDS राशन घोटाला ??
1) कोरोना काल में दो प्रकार का राशन आया केंद्र का फ़्री राशन,तो राज्य का 1रूपये प्रति किलो
2) गरीब जनता के अनपढ़ और जागरूकता न होने के कारण फ़्री वाला राशन तो कभी कभी दिया गया लेकिन राज्य की शिवराज सरकार के PDS राशन की कालाबजारी कर दी गई

3) गांव के प्रधान ने आम जनता की आवाज़ को उठाकर जब इसकी लिखित शिकायत प्रशासन को दी तब प्रशासन दिखावे मात्र के लिए हरकत में आया।

4) मौके पर खाद्य विभाग की JSO पल्लवी जैन और उनका अमला पहुंचा तो उन्हें स्टॉक कम मिला जिसका आंकलन उन्होंने किया तो करीब 7 लाख 34 हज़ार की राशि का शासन को चूना लगा दिया गया।

5) विभाग ने पाया कि ऑनलाइन स्टॉक से काफ़ी कम मात्रा में है गेहूं, चावल, शक्कर और नमक

6) इस घटना को बीते करीब चार माह से अधिक हो चुका है लेकिन शासन की तरफ़ से न तो कोई FIR दर्ज की गई,और जैसे तैसे मामले की लीपापोती में पूरा विभाग और प्रशासन लगा हुआ है।

7) शासकीय उचित मूल्य तलाड़ दुकान के भ्रष्ट सेल्समैन राधे यादव को प्रबंधक के प्रभार में बीते तीन साल हो गए है,और इनके अधीनस्थ आने वाले ,तलाड,रोंसरा,नांदघाट, हरदुआ बंधा ,मरहटी ,देवरी, और जुझारी उमरिया
राशन दुकानों में भी भ्रष्टचार का सिलसिला जारी है, लेकिन देखने और सुनने वाला कोई नहीं है।

8) सेल्सनैन राधे यादव का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले वह गरीबों के राशन कालाबाजारी में लिप्त पाएं जाने के कारण जेल जा चुका है।

9)किसानों की मूंग खरीदी में घोटाला,
किसानों की खरीदी सोसायटी में धान और गेंहू में कमीशनखोरी से लेकर कई मामले उजागर हो चुके है, फिर भी इतने बड़े पैमाने में किए गए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम प्रशासन क्यों कर रहा है???.. इस पर बड़ी कारवाई कब होगी???
यह अपने आप में बड़ा सवाल है??

10) भ्रष्ट सेल्समैन राधे यादव की नियुक्ति भी फर्जी है जिसका केस कार्यालय उपायुक्त सहकारिता जबलपुर में चल रहा है, जिसके पुख्ता सबूत भी मीडिया के हाथों लगे है।

राधेलाल यादव पिता श्री सूरज प्रसाद यादव को सेवा से पृथक करने बावत् सन्दर्भ:- कार्यालय द्वारा पूर्व प्रेषित पत्र क्र 611 दिनांक 14.03.14 व क्र/400 दिनांक 18.02.14 एवं क्र/2435 दि. 29.09.15 व क्र/2770 दि. 20.11.15 में आदेश आने के बावजूद आखिर किसकी शह में पूरी नियमों को ताक में रखकर भ्रष्ट सेल्समैन राधे यादव को विभाग में कार्यरत रहने की परमिशन कैसे मिल गई यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।
मध्यप्रदेश में कोई कितना भी बड़ा भ्रष्टाचारी क्यों न हों उसको मिलकर सिस्टम में बैठे दूसरे भ्रष्टाचारी बचा रहे है।

नाम न छापने की शर्त में सूत्रों ने बताया कि सहकारिता विभाग के ही कुछ आधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचारी राधे यादव को बचाने में लगे है इसमें सहकारिता सीईओ योगेश दुबे की भूमिका भी प्रमुख है, वे मानते है कि जब तक हम है तो ऐसे कई भ्रष्टचार हो भी जाएंगे तो भी कोई बाल बांका नहीं कर पाएगा, क्या कलेक्टर जबलपुर की नाक के नीचे इतना बड़ा खेल हो रहा है,और कलेक्टर इलैया राजा टी और प्रदेश के उच्च अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे यह तो आगे की ठोस कार्रवाई से ही पता चलेगा ।

7.5 लाख रुपये कीमत का गरीबों का राशन डकार गए अधिकारी-कर्मचारी,कार्यवाही शून्य

जबलपुर जिला घोटालों का कब्रगाह बनता जा रहा है,यहां परिवहन विभाग का सहायक परिवहन अधिकारी अरबों का आसामी निकलता है तो वहीं अन्य विभाग भी इसमें पीछे नहीं है।जिले के मझौली जनपद के तलाड़ एवं नांदघाट सोसायटी अंतर्गत 7.5 लाख कीमत का गरीबों का राशन समिति प्रबंधक द्वारा हजम करने का मामला सामने आया है।ताज्जुब की बात है कि अब तक न तो सहकारिता विभाग और न ही जिला प्रशासन द्वारा इस प्रकरण में कोई कार्यवाही की गई है केवल कागजी खानापूर्ति कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने गरीबों को चार माह का राशन निःशुल्क दिया गया वहीं राज्य सरकार ने भी गरीबों के लिए राशन उपलब्ध कराया।जनपद मझौली के तलाड और नांदघाट सोसायटी के सेल्समैन द्वारा केंद्र सरकार का मुफ्त राशन गरीबों को दिया गया लेकिन राज्य सरकार के राशन को बेंच दिया गया।स्थानीय जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर जांच हुई तो तकरीबन 7.5 लाख की अनियमितता पाई गई।तहसीलदार मझौली ने जांच प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को सौंपकर आगामी कार्यवाही करने का प्रस्ताव दिया।लेकिन इस पूरे प्रकरण में सहकारिता विभाग,खाद्य विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

कालाबाजारी में 1 माह जेल काट चुका है सेल्समैन

सूत्रों ने बताया कि तलाड़ सोसायटी के सेल्समैन राधेलाल यादव पूर्व में कालाबाजारी के आरोप में 1 माह जेल में बिता चुका है बावजूद इसके विभाग इसे समिति प्रबंधक के पद पर बनाये रखा।समिति प्रबंधक के भ्रष्टाचार में बराबर का भागीदार विभाग बना रहा।

रद्दी की टोकरी में सेवा से पृथक किये जाने का आदेश

उपायुक्त सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2016 में समिति प्रबंधक राधेलाल यादव को सेवा से पृथक किये जाने का आदेश दिया था,लेकिन उपायुक्त सहकारिता का यह आदेश रद्दी को टोकरी में फेंक दिया गया।उपायुक्त के आदेश के बाबजूद अब तक वह इसी पद पर रहते हुए लाखों का भ्रष्टाचार कर दिया,विभाग के कुछ अधिकारी भी समिति प्रबन्धक के इस भ्रष्टाचार में शामिल रहे होंगे।यही कारण है कि सेवा से पृथक करने के बजाय उसे कार्यवाही से बचाते रहे।

क्या कहते है जिम्मेदार.

सेवा से पृथक के आदेश 2014,15 और 16 में आए थे, जिनकी जानकारी मुझे अभी लगी है मैंने सहकारिता उपायुक्त महोदय को लिखा है, राधे यादव को सेवा से पृथक किया जाएगा

योगेश दुबे , सीईओ सहकारिता जबलपुर

यह मेरे विभाग का मामला नहीं है हम कोई भी कार्यवाही नहीं कर सकते हैं।

नुजहत बक़ाई
जिला खाद्य अधिकारी

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है जानकारी लेकर कार्यवाही की जाएगी।

पी के सिद्धार्थ
उपायुक्त सहकारिता

यह 02 प्रकरण अलग दुकानों के है नांदघाट एवम तलाड से संबंधित है दोनो ही प्रकरण में जांच की जा चुकी है तलाड़ में रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया है क्योंकि मौके पर जांच में वितरण होना पाया गया किंतु स्टॉक की जांच करने पर स्टॉक कम पाया गया जिसका प्रकरण पंजीबद्ध किया गया जिसका प्रकरण एसडीएम कोर्ट में प्रचलन मै है जिस विक्रेता के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है उसके द्वारा दुकान का संचालन नही किया जा रहा है।
नांदघाट की जांच समिति प्रशासक सहकारिता विस्तार अधिकारी के द्वारा की गई जिसमे विक्रेता को पद से प्रथक कर दिया गया है जिसमे विक्रेता के द्वारा माननीय हाई कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया गया है अतः उक्त दोनों दुकानों की प्राप्त शिकायत अनुसार जांच की जा चुकी है दोनो ही केस में प्रकरण पंजीबद्ध है।

इलैया राजा टी
कलेक्टर जबलपुर

संवाददाता-:अज्जू सोनी उमरिया पान ढीमरखेड़ा कटनी

समाचार

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