जब एक मजलूम पिता बेटे के लिऐ चढ़ा पानी की टंकी पर। सरकारी योजना गरीबों को कहा

बीमार बेटे के इलाज के लिए परेशान एक पिता ने राज्य शासन से मदद की गुहार लगाई लेकिन राज्य बीमारी सहायता निधि का आवेदन भी सीएमएचओ कार्यालय में धूल खाती बंद फाइलों की तरह पढ़ा रहा। नतीजा यह हुआ कि पिता के सब्र का बांध टूट गया और तंग आकर वह पानी की टंकी पर चढ़ गया वहां से छलांग लगा देने की धमकी देने लगा । हालांकि बाद में पुलिस ने उसे उतार कर अपने साथ ले गए

हासिल जानकारी के मुताबिक अहिरगांव निवासी दयाराम चौधरी मंगलवार दोपहर गांव में बनी पानी की टंकी पर चढ़ा। ऊंचाई से छलांग लगा देने की धमकी देने लगा दयाराम के ओवरहेड टैंक पर चढ़ने की खबर गांव वालों को हुई तो वहां लोगों का मजमा लग गया ग्रामीणों के जरिए इसकी सूचना सिविल लाइन पुलिस को मिली तो पुलिसकर्मी भी वहां पहुंच गए उससे बातचीत की सिलसिला शुरू हुआ और उससे के पानी की टंकी के ऊपर चढ़ने का कारण पूछा गया। तो पता चला कि वह सीएमएचओ कार्यालय के एक बाबू की साहब गिरी और उसकी नाजायज मांगों से परेशान है हालांकि पुलिस ने उसे समझाइश देकर नीचे उतार लिया और अपने साथ ले गई ग्रामीणों ने बताया कि दयाराम के बेटे वीरेंद्र की तबीयत पिछले काफी समय से खराब है उसको लीवर में परेशानी है जिसके कारण पहले उसका इलाज सतना के चाणक्यपुरी कॉलोनी स्थित एक निजी नर्सिंग होम और फिर मेडिकल कॉलेज जबलपुर में हुआ लेकिन फिर भी उसकी सेहत में सुधार नहीं हुआ

दयाराम की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वह लंबे समय तक इलाज का खर्च उठा पाए खेती-किसानी की कमाई व बेटे के इलाज में झोंक चुका था लेकिन अब जब कोई आसरा नहीं नजर आया तो उसने राज्य बीमारी सहायता निधि के लिए आवेदन पेश किया उसका वह आवेदन सतना सीएमएचओ कार्यालय के लंबित है वह कई चक्कर लगा चुका है लेकिन हर बार वहां से इस शाखा का काम देखने वाले लिपिक उसे टरका देती है आरोप है कि उसने आराम से रुपयों की भी मां की थी लेकिन दयाराम उसे पूरा नहीं कर पाया अधिकारी को सबक सिखाने के लिए वह पानी की टंकी पर चढ़ गया