सुप्रीम फैसले के बाद हरकत में राज्य निर्वाचन आयोग, 30 जून तक हो जाएंगे चुनाव, मंत्री बोले- जल्द लगाएंगे रिव्यू पिटीशन
भोपाल। ओबीसी आरक्षण के बिना निकाए चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है. उधर, कोर्ट के आदेश को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं. निर्वाचन आयोग आरक्षण प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार को पत्र भेजने जा रहा है. इसको लेकर आयोग ने विधि विशेषज्ञों से भी जरूरी राय ली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हिसाब से देखा जाए तो निकाए चुनाव के लिए ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें जनरल में बदल जाएंगी. उधर, आयोग के अध्यक्ष के मुताबिक 30 जून तक पंचायत और निकाय चुनाव करा लिए जाएंगे.
जून तक चुनाव कराने की तैयारी में आयोगः
राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष वीपी सिंह के मुताबिक कोर्ट के फैसले के बाद नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिए आयोग पूरी तरह से तैयार है. हमारी कोशिश है कि 12 जून तक एक चुनाव कराया जाएगा. 30 जून तक दोनों चुनाव यानी पंचायत और नगरीय निकाए करा लिए जाएंगे. उनके मुताबिक नगरीय निकाय चुनाव कराना आज की तारीख में हमारे लिए आसान है. आरक्षण और परिसीमन दोनों ही हैं. पंचायत चुनाव में आरक्षण बाकी है. इसको लेकर पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है. चुनावी तैयारियों को लेकर सभी कलेक्टरों को भी निर्देशित किया गया है.
आरक्षण प्रक्रिया पर यह पड़ा असरः
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का कहा है. इसके चलते पंचायतों और नगरीय निकायों में आरक्षित सीटें अनारक्षित में परिवर्तित हो जाएंगी. सिर्फ अनुसूचित जाति और अनूसूचित जनजाति वर्ग के लिए आबादी के हिसाब से सीटें आरक्षित की जाएंगी. इस तरह 52 जिला पंचायतों में 14 जिला अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति और 8 अनूसचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगी. पंच, सरपंच और वार्ड निर्वाचन क्षेत्र भी जनसंख्या के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे. प्रदेश में 22 हजार 985 ग्राम पंचायत, 3 लाख 64 हजार 309 वार्ड, 313 जनपद पंचायत, 6771 वार्ड, 52 जिला पंचायत और इनमें 875 वार्ड हैं.
मंत्री बोले चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंः
उधर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर पूरी तरह गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री ने अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी है. सरकार की ओर से रिव्यू पिटीशन लगाने की तैयारी की जा रही है. मुख्यमंत्री लगातार विधि-विषेशज्ञों से चर्चा कर रहे हैं. पार्टी के सीनियर नेताओं से चर्चा की जा रही है. वैधानिक रूप से जो भी प्रयास हो सकते हैं सरकार सभी प्रयास करेगी. सरकार का मानना है कि चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हो।