जिंदगी की जंग हारा मासूम तन्मय 84 घंटे बाद बोरबेल से निकाला गया शव परिवार ने लगाए सरकार पर आरोप

400 फीट गहरे बोरवेल में फंसे बच्चे की मौत रेस्क्यू टीम ने 84 घंटे बाद बाहर निकाला शव 39 फीट की गहराई में फंसा था 

मध्यप्रदेश के बैतूल में बोरवेल में फंसे 6 साल के बच्चे की मौत हो गई। 84 घंटे बाद बच्चे का शव बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम सुबह 3 बजे बच्चे के करीब पहुंच गई थी। सुबह 5 बजे तक शव को बाहर निकाला जा सका। 7 बजे बैतूल के जिला अस्पताल में शव को लाया गया। 5 डॉक्टरों की टीम ने शव का पीएम किया।

कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि बोर 400 फीट गहरा है। बच्चा करीब 39 फीट की गहराई में फंसा था। रेस्क्यू टीम ने बोर के समानांतर 44 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा। इसके बाद 9 फीट की हॉरिजेंटल सुरंग खोदी गई थी।

बच्चे के चाचा राजेश साहू ने कहा, हमारे लिए बहुत दुख की घड़ी है। हमने तो यह सोच रखा था कि सफल होंगे और हमारा बच्चा हमें वापस मिल जाएगा। बचाव दल ने तो दिन-रात प्रयास किया है, पर कहीं न कहीं लेट हो गए। अगर हमारे पास ऐसा कोई संसाधन होता, जिससे हम बच्चे को उसी दिन निकाल लेते, तो वो बच जाता। टीम वर्क बहुत अच्छा रहा, लेकिन हम लेट हो गए।

रेस्क्यू में NDRF और DSRF के 61 जवान लगे थे 

रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे होमगार्ड कमांडेंट एसआर आजमी ने बताया कि बोरवेल में तन्मय 39 फीट पर फंसा हुआ था। बच्चों की नॉर्मल हाइट तीन से चार फीट मानकर हमने 44 फीट तक गड्‌ढा खोदा है। टनल बनाने में NDRF और DSRF के 61 जवान लगे थे। 

चार गांव के लोग मदद में जुटे थे 

घटनास्थल मांडवी गांव के साथ-साथ आसपास के 4 गांव के लोगों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए। रेस्क्यू में जुटे 200 से अधिक लोगों के लिए निःशुल्क भोजन से लेकर सभी प्रकार की व्यवस्था ग्रामीणों ने की। उनकी एक ही मंशा थी कि तन्मय को हंसता-खेलता देखें।

बोरवेल के अंदर से आई थी बच्चे की आवाज 

हादसा मंगलवार शाम बैतूल जिले के आठनेर के मांडवी गांव में करीब 5 बजे हुआ। 6 साल का तन्मय दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान वह पड़ोसी के बोरवेल में गिर गया। आवाज लगाने पर बोरवेल के भीतर से बच्चे की आवाज आई। इस पर परिवार वालों ने तत्काल बैतूल और आठनेर पुलिस को सूचना दी।

तन्मय की 11 साल की बहन निधि साहू ने बताया, हम छुपन-छिपाई खेल रहे थे। भाई को कहा कि चलो अब घर चलते हैं। वो कूदकर आया। बोर के ऊपर बोरी थी। वो बोरी को पकड़कर रखा था, मैं जब तक पहुंची तो भाई नीचे चला गया। मां रितु साहू का कहना है कि वह 5 बजे के करीब गिरा। उसने आवाज भी दी। तब उसकी तेज सांस चल रही थी 

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