दिल्ली MCD में AAP या BJP, कौन करेगा राज 42 केंद्रों पर काउंटिंग सुबह 8 बजे से AAP दफ्तर में जश्न का माहौल
दिल्ली नगर निगम में भाजपा या आम आदमी पार्टी में से किसका राज होगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी। 42 केंद्रों पर वोटों की गिनती होगी। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मतगणना केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां और दिल्ली पुलिस के 10,000 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं।
दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार करीब 50% मतदान हुआ है। 2017 में 53.55% मतदान हुआ था। यानी अब तक के आंकड़ों की तुलना करें तो इस बार 3% तक कम वोटिंग हुई है।
MCD में पिछले 15 सालों से BJP का कब्जा
दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 सालों से BJP का कब्जा है, लेकिन इस बार एग्जिट पोल में AAP यहां क्लीन स्वीप करती नजर आ रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया और टाइम्स नाउ-ईटीजी के एग्जिट पोल के मुताबिक MCD में AAP की सरकार भारी बहुमत से बनती दिख रही है। BJP दूसरे न्ंबर पर और कांग्रेस का सफाया होता दिख रहा है।
एग्जिट पोल में AAP को 149-171 सीटें
इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के अनुसार MCD की कुल 250 सीटों में से AAP को 149 से 171, BJP को 69 से 91 और कांग्रेस को 3 से 7 सीटें मिलने के आसार हैं। AAP का आंकड़ा बहुमत यानी 126 सीटों के आंकड़ों से काफी ज्यादा है।
कांग्रेस के पास लोकसभा-विधानसभा की एक भी सीट नहीं
दिल्ली में 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में BJP ने सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस और AAP अपना खाता भी नहीं खोल पाई थीं। 2020 विधानसभा चुनाव में 70 सीटों में से AAP को 62 और BJP को 8 सीटें मिली थीं, जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP को 67 और BJP को 3 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 2020 और 2015 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी।
मैदान में उतरे 1,349 उम्मीदवार
MCD चुनाव 2022 के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में उतरे। इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं। BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। JDU ने 23 सीटों पर, तो AIMIM ने 15 सीटों पर कैंडिडेट उतारे।
BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4 और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे। इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी रहे।
दिल्ली की राजनीति में MCD इतनी अहम क्यों
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि MCD उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि MCD भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।