दो पत्नियों के बीच में हुआ पति का बंटवारा कोर्ट ने सुनाया फैसला जानिए कैसे रहेगा दोनों के साथ

दो पत्नियों के बीच में हुआ पति का बंटवारा कोर्ट ने सुनाया फैसला जानिए कैसे रहेगा दोनों के साथ।
आपने कॉमेडियन कपिल देव की मशहूर फिल्म किस किसको प्यार करूं तो जरूर देखी होगी परंतु जब उसी फिल्म को धरा पटल पर एक व्यक्ति ने उतार दिया तो मामला कोर्ट तक पहुंच गया जी हां एक व्यक्ति के पत्नी के होते हुए भी दूसरी महिलाओं के साथ चक्कर चलता रहता है परंतु जब एक व्यक्ति के दो पत्नियां होने का मामला कोर्ट में पहुंचा तो बेहद ही रोचक फैसला कोर्ट ने सुनाया।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में एक मामला आया जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने शादीशुदा होते हुए भी दूसरी शादी कर ली जहां फैमिली कोर्ट में मामला पहुंचते हैं कोर्ट के बाहर ही अनोखा समझौता हो गया समझौता यह हुआ कि पति सप्ताह में 3 दिन एक पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा वही रविवार के दिन वह कहीं भी रह सकता है किसी भी पत्नी का उसके ऊपर कोई जोर दबाव नहीं होगा वही पति ने अपनी दोनों पत्नियों को एक एक फ्लैट रहने के लिए दे दिया है।
ग्वालियर की एक 28 वर्ष की महिला फैमिली कोर्ट पहुंची और वह अपने और अपने बेटे के भरण-पोषण के लिए केस दायर करने आई थी परंतु न्यायालय के काउंसलर ने उसे समझाया, पति पत्नी दोनों की काउंसलिंग कि और कोर्ट के बाहर ही समझौता कराया।
जानिए क्या है पति पत्नी और वो की पूरी दास्तान-
ग्वालियर के फैमिली कोर्ट पहुंची महिला ने बताया कि हमारी शादी 2018 में हुई थी हमारे पति हरियाणा के गुरुग्राम में एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है वही 2 वर्ष तक हम लोग साथ रहे और हमें एक बच्चा भी है वर्ष 2020 में पूरे देश में लॉक डाउन लग गया वही मेरे पति मुझे मेरे मायके ग्वालियर छोड़ गए और फिर से मुझे वापस लेने नहीं आए।
इसी दरमियान इंजीनियर पति के उसी कंपनी में कार्यरत एक महिला कर्मचारी से मित्रता हो गई और वह उनके साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगे और बाद में उनसे शादी कर ली तथा उन दोनों के बीच में एक बच्ची भी है।
वही जब ग्वालियर में रह रही पहली पत्नी को लेने पति नहीं आ रहा था तो पहली पत्नी खुद ही गुरुग्राम पहुंच गई जहां उसे पता लगा कि हमारे पति कारनामे दिखाते हुए दूसरा विवाह कर लिया है इस बात को लेकर दोनों के बीच में पहले तो खूब संग्राम हुआ तत्पश्चात नाराज पहली पत्नी ने ग्वालियर फैमिली कोर्ट में भरण पोषण के लिए दावा दायर करना चाहती थी जहां उसकी मुलाकात ग्वालियर कुटुंब न्यायालय के काउंसलर हरीश दीवान से हुई उन्होंने उसे समझाया और इस केस में काउंसलिंग की।
6 महीने में 5 बार हुई काउंसलिंग
काउंसलर एडवोकेट हरीश दीवाने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि महिला को समझाया उसके बेटे और उसे भरण पोषण के लिए 7-8 हज़ार महीने ही मिल पाएंगे इससे उसका फायदा नहीं है काउंसलर ने महिला के पति से दूरभाष पर बात भी की और समझाया भी, 6 महीने के अंदर 5 बार काउंसलिंग भी की।
न्यायालय में यह केस पहुंचता इससे पहले ही सुलह करा दी गई, सुलह के मुताबिक पति एक हफ्ते में 3 दिन पहली पत्नी के साथ तो 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा वही रविवार को वह अवकाश में रहेगा चाहे वह जहां भी रहे किसी भी पत्नी का उसके ऊपर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
काउंसलर हरीश दीवाने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को समझाया कि इस मामले में कोर्ट में केस जाने से उसे बहुत सारे नुकसान हो सकते हैं इसलिए वह आउट ऑफ कोर्ट बातचीत कर समझौता करा ले इससे वह भी खुश रहेगा और उसकी पत्नियां भी खुश रहेंगी।
काउंसलर ने पति को समझाई यह बातें
1. पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी पत्नी को कानूनी दर्जा नहीं मिल सकता है।
2. ऐसी स्थिति में पहली पत्नी दहेज प्रताड़ना सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज करा सकती है।
3. पहली पत्नी कुटुंब न्यायालय में भी केस दायर कर सकती है पुलिस व न्यायालय में लगातार चक्कर काटने पड़ेंगे।
4. एफ. आई. आर. दर्ज होने के बाद नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है।
5. न्यायालयीन प्रक्रिया का लंबे समय तक सामना करने से परेशान होना पड़ेगा।
वहीं इस पूरे समझौते से दोनों पत्नियों सहित पति भी काफी खुश है कि हमें बिना किसी लाग लपेट के दो पत्नियां मिल गई हैं वह भी अलग-अलग हैं तो दोनों में कभी भी विवाद भी नहीं होगा और समझौते के तहत मैं दोनों को समय भी दे पाऊंगा।