बड़ी ख़बर

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री विवादों में घिरे चमत्कार या मिथ्या देखें क्या है पूरा सच

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री विवादों में घिरे चमत्कार या मिथ्या देखें क्या है पूरा सच कैसे बताते हैं लोगो का भविष्य 

अक्सर अपने बयानों और चमत्कारी शक्तियों के चलते सुर्ख़ियों में रहने वाले विवादों से गहरा नाताएक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं इस बार पंडित शास्त्री ने उनके चमत्कार को चैलेंज करने वालों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया है. पंडित शास्त्री ने शक्तियां साबित करने की चुनौती देने वालों को कहा कि ‘जब वे वहां (नागपुर) पर मौजूद थें तब समिति के सदस्य मेरे पास क्यों नहीं आए? क्या उनके बाप मर गए थें? या हांथों में चूड़ियां पहन रखी थी 

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री विवादों में घिरे चमत्कार या मिथ्या देखें क्या है पूरा सचक्या है पुरा मामला 

दरअसल, कुछ दिनों पहले बागेश्वर धाम के पुजारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नागपुर में एक कथा का आयोजन कर रहें थें. इस दौरान अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने शास्त्री को चैलेंज कर दिया. समिति के लोगों ने बागेश्वर धाम सरकार से कहा कि वे चमत्कार साबित करें, अगर वे ऐसा कर पाते हैं

तो उन्हें समिति की तरफ से 30 लाख रुपए दिए जाएंगे. हांलाकि इस चैलेंज के बाद समिति का आरोप है कि चैलेंज स्वीकारने की जगह खुद को चमत्कारी बताने वाले शास्त्री अपना बोरिया बिस्तर समेटकर नागपुर से रफू चक्कर हो गए. जबकि उन्हें दो और दिनों तक कार्यक्रम में रहना था

इस चैलेंज के बाद न सिर्फ बागेश्वर धाम सरकार ‘धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री’ सोशल मीडिया में ट्रोल होने लगे बल्कि उनके चमत्कार पर भी लगातार सवाल खड़े होने लगे हैं. शास्त्री मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले स्थित गढ़ा गाँव के बागेश्वर धाम के पुजारी हैं. पुजारी होने के साथ साथ शास्त्री रामकथा का करते हैं और यह खुद के चमत्कारी होने का भी दावा करते हैं, उन्हें भूत-प्रेत भगाने से लेकर भविष्य बताने वाले बाबा के तौर पर जाना जाता है. कहा यह भी जाता है कि शास्त्री अपने दरबार में किसी के बारे में कुछ नहीं पूछते, बल्कि एक चिट्ठी के जरिए उसके बारे में सब कुछ बता देते हैं, जिसे वह शख्स जान्ने के लिए आया है. शास्त्री के अंदाज सोशल मीडिया में काफी वायरल होते हैं. उन्हें फॉलो करने वालों की तादात करोड़ों में है, लेकिन उन्हें ढोंगी बताने वाले भी कम नहीं हैं

हांलाकि महाराष्ट्र के नागपुर में एक रामकथा आयोजन के दौरान पंडित धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा दरबार भी लगाईं गई थी, जिसमें भूत-प्रेत भगाने के नाम पर अपने पास लोगों को आने के लिए कहा था. लेकिन स्थानीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्यों का चुनौती का सामना न कर भाग खड़े होने का आरोप उन पर लगा हुआ है

विवादों से गहरा नाता 

विवादों से गहरा नाता यह कोई पहली बार नहीं है जब शास्त्री ने किसी के बारे में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया हो. शास्त्री काफी समय से विवादों में हैं. इसके पहले उन्होंने साईं बाबा को ‘चांद मियां’ कहके संबोधित किया और कहा कि जब सनातनियों के पास 30 कौड़ देवी-देवता हैं 

तो इस चाँद मियाँ की पूजा क्यो करते हो. इस बयान के बाद धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ विरोध शुरू हो गया था. सिर्फ इतना ही नहीं शास्त्री और उनके सेवादारों पर उनके बागेश्वर धाम स्थित गांव के लोगों ने जमीन हथियाने का आरोप भी लगाया है

ध्यान विधि को बताया दिव्य शक्ति उन्होंने को दिए इंटरव्यू में अपनी चमत्कारी (दिव्य) शक्तियों का भी खुलासा किया. बागेश्वर सरकार ने कहा कि ध्यान विधि आदिकाल से चली आ रही एक परंपरा है. उनके दादा जी से उन्हें आभासी शक्ति मिली है. कोई उनके दरबार में आता है तो उन्हें पहले ही आभास हो जाता है कि उसकी यह समस्या हो सकती है. वे राम का नाम लेकर उसे पर्ची पर लिख लेते हैं और यह सनातन शक्ति की ताकत है कि वह सही निकलता है

बिहार के शिक्षामंत्री को दिया चैलेंज सोशल मीडिया पर ट्रोल से धीरेंद्र शास्त्री को भी कभी-कभी गुस्सा आ जाता है. उन्होंने कहा, “गुस्सा आ जाता है कई बार. उन्होंने साफ कहा कि हम ना तो ईश्वर हैं, ना सिद्ध महात्मा हैं और ना हम कोई संत हैं 

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री विवादों में घिरे चमत्कार या मिथ्या देखें क्या है पूरा सचहम साधारण इंसान हैं.” रामचरित मानस पर बिहार के शिक्षामंत्री के विवादित बयान पर उन्होंने काफी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “दूसरे धर्म का विरोध नहीं है. लेकिन वे किसी दूसरे धर्म की पुस्तक को लेकर कह दें तो अभी तक उनका ना जानें क्या हाल होगा. लेकिन इस बार वह धूल ढंग से 

पठान फिल्म को बॉयकाट करने के लिए कहा 

 शाहरुख खान पर भी बागेश्वर धाम के पुजारी पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री लगातार हमले करते आएं हैं. उन्होंने शाहरुख खान की आने वाली फिल्म पठान को बॉयकाट करने के लिए कहा है. पठान पर उन्होंने कहा, “भगवा रंग बेशर्म कैसे हो सकता है. हरा रंग भी बेशर्म होना चाहिए कभी. हमारा भगवा रंग हो सकता है, तो उसे भी लाएं

# सोर्स बाय रीवा रियासत #

समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button