ब्रेकिंग न्यूज विंध्य में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही से एक युवक की गई जान देखें पूरा मामला
खेत तक बिजली पहुंचाने की चाहत बनी मौत का सबब सिर पर खंभा गिरने से किसान की मौत रामनगर थाना क्षेत्र में हादसा
खेत तक बिजली के तार दौड़ाने की चाहत एक किसान की जिंदगी पर भारी पड़ गई। जुगाड़ का खंभा किसान की मौत का सबब बन कर उसके सिर पर आ गिरा और देखते ही देखते जिंदगी की रफ्तार थम गई। दिल दहलाने वाला यह हादसा रविवार को सतना के रामनगर थाना क्षेत्र के न्यू देवराजनगर में हुआ। जानकारी के मुताबिक न्यू देवराजनगर निवासी किसान पुष्पेंद्र द्विवेदी पिता काशी प्रसाद द्विवेदी 35 वर्ष की रविवार की शाम बिजली के खंभे के नीचे गर्दन दबने से मौत हो गई। बिजली का खंभा उसके सिर पर आ गिरा जिससे बचने की उसने कोशिश भी की लेकिन जिंदगी फिर भी नही बच सकी। यह हादसा तब हुआ जब पुष्पेंद्र अपने खेत मे बिजली के तार पहुंचाने के लिए जुगाड़ का खंभा खड़ा करने की कोशिश कर रहा था।
ख़बर पर प्रकाश
बताया जाता है कि खेती से मुनाफा बढ़ाने की कोशिश में पुष्पेंद्र ने अपने खेत मे बोरिंग करवाई थी लेकिन बिजली के तार वहां तक नही पहुंचे थे। उसने बिजली कंपनी में भी बिजली के पोल के लिए संपर्क किया लेकिन लंबी और जटिल प्रक्रिया के कारण उसे वहां से निराशा हाथ लगी। उसने बिजली कंपनी के कर्मचारियों से संपर्क साधा तो एक खंभे का जुगाड़ हो गया।
उस खंभे को लेकर वह रविवार की शाम अपने खेत पर पहुंचा और मजदूरों तथा ट्रैक्टर की मदद से उसे खड़ा करवाने लगा। इसी दौरान जब खंभे को ट्रैक्टर के जरिए उठाया जाने लगा तो वह एक तरफ झुकने लगा। खंभे को पकड़ने के लिए पुष्पेंद्र दौड़ा लेकिन तभी वह खंभा उसके ऊपर आ गिरा। वहां मौजूद रहे मजदूरों ने खंभे को हटाया लेकिन तब तक पुष्पेंद्र की गर्दन कट चुकी थी और उसकी सांसें भी थम चुकी थीं। खेत में किसान की इस तरह मौत की खबर पूरे गांव में फैल गई। पुष्पेंद्र के परिजन भी वहां आ पहुंचे। मां तो बेटे का शव देखते ही बेहोश हो गईं। घटना की सूचना मिलने पर देर शाम रामनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की
कैसे मिला युवक को खंभा
इस घटना ने बिजली कंपनी और उसके अधिकारियों-कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बड़ा सवाल तो यह है कि जिस विद्युत पोल के लिए लोगों को सांसद – विधायक के चक्कर काटने पड़ते हैं वह इतनी सहजता से महज जुगाड़ के जरिए आखिर पुष्पेंद्र को कैसे मिल गया? अगर खंभा वैधानिक तरीके से भी मिला तो क्या बिजली कंपनी में ऐसे प्रावधान है कि किसी भी उपभोक्ता को इस तरह खंभे दे दिए जाएं। इस मामले में बिजली कंपनी के ठेका श्रमिक जयप्रकाश उरमलिया का नाम भी सामने आ रहा है। चर्चा है
कि पोल का जुगाड़ कराने में उसकी बड़ी भूमिका थी और वह खुद भी हादसे के वक्त वहां मौजूद था। हालांकि इस मामले में बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री जीडी त्रिपाठी का कहना है कि वे पूरे मामले की जांच कराएंगे और दोषी के खिलाफ एक्शन भी लेंगे।