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भाजपा नेता ने पत्नी और दो बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी कर ली।

(Madhya pradesh) मध्यप्रदेश के विदिशा में भाजपा नेता ने पत्नी और दो बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि वो अपने दोनों बेटों की लाइलाज बताई जा रही बीमारी को लेकर परेशान थे। जिसके चलते उन्होंने सामूहिक खुदकुशी का कदम उठाया। 

दिल दहला देने वाली ये घटना विदिशा की है। यहां भाजपा के दुर्गानगर के मंडल उपाध्यक्ष और पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा ने अपने परिवार के साथ जहर खा लिया। जिसके बाद गंभीर हालत में दोनों बच्चों और पति-पत्नी को जिला अस्पताल लाया गया। जहां पहले दोनों बेटों और बाद में संजीव मिश्रा, फिर उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट देखने के बाद परिचित घर पहुंचे

भाजपा नेता ने पत्नी और दो बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी कर ली।

पस्ट देखने के बाद उनके साथी लोगों को पता चला। शाम करीब 6:45 बजे उनके एक परिचित घर पहुंचे तो बाहर से दरवाजा बंद था। घर का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो चारों अचेत अवस्था में पड़े थे। चारों को आनन-फानन में जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां संजीव मिश्रा (45), पत्नी नीलम मिश्रा (42), बड़ा बेटा अनमोल (13) और छोटा बेटा सार्थक (7) की मौत हो गई। इधर घटना की जानकारी मिलते ही बीजेपी नेता जिला अस्पताल पहुंचे। साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे

भाजपा नेता ने पत्नी और दो बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी कर ली।
सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान की शक्ति क्षीण हो जाती है। मसल्स कमजोर होने के साथ सिकुड़ने लग जाती हैं। बाद में यह टूटने लगती हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह एक तरह का आनुवंशिक रोग है, जिसमें रोगी में लगातार कमजोरी आती है। उसकी मांस पेशियों का विकास रुक जाता है।

दरवाजा बंद कर परिवार के साथ खाया जहर

इस मामले में कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि संजीव मिश्रा के बच्चों को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की जेनेटिक बीमारी थी। जिसका कोई इलाज नहीं है। जैसा उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं बच्चों को नहीं बचा पा रहा हूं, मैं अब नहीं रहना चाहता। उन्होंने दरवाजा बंद करके सल्फास खा लिया। फेसबुक में डाली पोस्ट देखकर लोगों ने टीआई को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तुड़वाया। सभी को अस्पताल लेकर आए, इलाज करवाया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि चारों में से कोई भी नहीं बचा।

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