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भारतीय सेना ने आज जम्मू में एक हाईब्रीड आतंकी को किया ढ़ेर

हाइब्रिड आतंकी जो अनंतनाग में हुई मुठभेड़ में मारा गया

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में रविवार सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच चली मुठभेड़ में लश्कर के हाइब्रिड आतंकी सज्जाद तांत्रे मार गिराया गया. कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट करके इसकी पुष्टि की है. पुलिस के मुताबिक, सुरक्षादल जब आतंकियों के ठिकाने पर पहुंचा तो आतंकियों ने गोलीबारी शुरू दी. उसी मुठभेड़ के बीच लश्करी आतंकी को गोली लगी. उसे बीजबेहाड़ा के अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया 

पिछले कुछ समय से कई हाइब्रिड आतंकियों के मारे जाने की कई खबरें आई हैं. जानिए क्या होते हैं हाइब्रिड आतंकी, कौन तैयार करता है और कैसे काम करते हैं?

 

क्या होते हैं हाइब्रिड आतंकी?

हाइब्रिड आतंकी ऐसे लोग होते हैं जो सामान्य जीवन जीते हैं, लेकिन मौका पड़ने पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने से नहीं चूकते. ये आतंकियों की लिस्ट में शामिल नहीं होते. हमला करने के बाद ये अपनी सामान्य जीवनशैली में वापस लौट आते हैं. इन्हें सामान्य इंसान बता दिया जाता है और इनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है. आतंंकी संगठन इन्हें हथियार मुहैया कराते हैं जिससे ये दहशगर्दी की घटना को अंजाम देते हैं. सज्जाद तांत्रे को कश्मीर जोन पुलिस ने हाइब्रिड आतंकी बताया है 

कैसे बनाए जाते हैं हाइब्रिड आतंकी

आतंकी संगठन ही युवाओं को हाइब्रिड आतंकी बनाने का काम करते हैं. ये उनका ब्रेन वॉश करते हैं. धर्म और नफरत की आंड़ लेकर उन्हें भड़काते हैं. इन्हें बाकायदा हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है ताकि ये समय-समय पर आतंकी संगठन के आदेश के मुताबिक काम करें और फिर वापस अपने सामान्य जीवन में लौट जाएं

कैसे काम करते हैं?

आतंकी संगठन को जब भी इनकी जरूरत होती है तब इनका इस्तेमाल किया जाता है. किसी घटना को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन इन्हें आदेश देते हैं. घटना को अंजाम देने के बाद इनकी घर वापसी हो जाती है. हाइब्रिड आतंकियों के मामले तब से सामने आ रहे हैं जब से जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ मुहिम का दायरा बढ़ाया गया. इसके बाद आतंकियों ने नया रास्ता निकाला और इस तरह के पार्ट टाइम आतंकियों के जरिए आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की शुरुआत की 

कितना मुश्किल है इन्हें पकड़ना?

ये लगातार घटनाओं को अंजाम नहीं देते, यही वजह है कि इन्हें पकड़ना और खोजना सिक्योरिटी एजेंसी के लिए मुश्किल हो जाता है. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक, ऐसे कई हाइब्रिड आतंकवादी हैं जिनका शायद ही आतंकवाद से संबंधित घटनाओं का कोई रिकॉर्ड है. वो अपनी पहली गतिविधि के बाद आतंकवादी बन जाते हैं. इन लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है 

 

 

 

 

 

 

 

 

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