मध्यप्रदेश को फिर से मिला टाइगर प्रदेश का दर्जा 700 पहुंची टाइगर की गिनती!

प्रोजेक्ट टाइगर देश में 50 साल पूरे कर रहा है। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, 9 अप्रैल से कर्नाटक के मैसूर में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है
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जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बाघ जनगणना -2022 के आंकड़े जारी करेंगे। इस बार भी मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने की उम्मीद है। इस
अवसर पर मप्र के वन मंत्री विजय शाह, वन प्रमुख आरके गुप्ता, पीसीसीएफ (वन्यजीव) जेएस चौहान भी मौजूद रहेंगे।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य में सात सौ से अधिक बाघ होने की संभावना है। ऐसे में मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन सकता है।
बाघों की गिनती नवंबर 2021 से शुरू होगी। इसका तीसरा चरण अप्रैल 2022 में पूरा हुआ था। बाघों की गिनती
में 30,000 से अधिक कर्मचारियों की मदद की गई है। यहां बता दें कि 2018 की जनगणना के बाद मध्यप्रदेश में 526 बाघ पाए गए।
इसके जरिए एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला। इस बार भी मध्य प्रदेश कर्नाटक को टक्कर दे सकता है, क्योंकि कर्नाटक में भी 2018 में 524 बाघ मिले थे।
मध्य प्रदेश 526, कर्नाटक 524, उत्तराखंड 442, महाराष्ट्र 312), तमिलनाडु 264, केरल और असम 190-190, उत्तर प्रदेश 173, राजस्थान 91, बंगाल 88
आंध्र प्रदेश 48, अरुणाचल प्रदेश 29, ओडिशागढ़ 321, बिहार 19, गोवा 3 और झारखंड में 5 बाघ मिले। भारत में कुल 2,967 बाघ पाए गए हैं।
मध्य प्रदेश में पहले से ज्यादा बाघ देखे गए हैं। 2014 की जनगणना में 714 चमगादड़ों में 308 बाघ देखे गए थे। 2018 में 1432 बाइट में 526 बाघ पाए गए।
2022 की जनगणना में 2,000 से अधिक बाघों के देखे जाने की सूचना है, जिसके कारण यह अनुमान लगाया गया है कि बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है।