मध्य प्रदेश के इस जिले में जन्मे थे संविधान निर्माता भीमराव अम्बेडकर

मध्य प्रदेश के इस जिले में जन्मे थे संविधान निर्माता भीम राव अम्बेडकर
74 वें गणतंत्र दिवस की तैयारियों में देश लगा हुआ है. देश भर में इसकी चहल – पहल है. पर देश के गणतंत्र होने से पहले आजादी के समय आजादी की लड़ाई (freedom struggle)में एमपी का अहम योगदान (Contribution)रहा है. इसके अलावा इसी राज्य में संविधान के रचयिता डा. भीमराव अंबेडकर का जन्म भी हुआ था
नीमच से उठी आजादी की आग
ये बात 1857 की क्रांति की है, देश अंग्रेजों की आग से जल रहा था. अंग्रेजी हुकूमत देश को अपने पैरों के तले कुचल रहा था. कुछ वो लोग जो अंग्रेजी हुकूमत के गुलाम हो गए, कुछ वो लोग जिन्होने आजादी के लिए कुर्बानी दे दी. देश के हर हिस्सों में बगावत का बिगुल बज चुका था
लेकिन बगावत की एक ऐसी चिंगारी एमपी के नीमच से उठी कि उसने अंग्रेजी शासन को हिला कर रख दिया. आपको बता दें कि 3 जून 1857 को स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कुछ क्रांतिकारियो ने नीमच में रही ब्रिटिश सरकार की छावनी पर हमला कर दिया और अपने कब्जे में ले लिया उनके इस साहस से अंग्रेज शासक घबरा गए और इस लड़ाई में कई अंग्रेज सैनिक मारे गए थे. जब भी देश में आजादी की बात होती है तब नीमच की ये घटना जरूर याद की जाती है
CRPF की जन्मस्थली है नीमच
अंग्रेजों के शासन काल में नीमच उत्तर भारत सैन्य और घुड़सवार सेना का मुख्यालय हुआ करता था. इसे अंग्रेजी शासन द्वारा CRP नाम दिया गया था. उस जमाने में इसका नाम क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस रखा गया था
इसका गठन 1939 में किया गया था, हालांकि देश के आजाद होने के बाद साल 1949 में इसका नाम सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स कर दिया. इसके बाद से इसे CRPF की जन्मस्थली कहा जाने लगा
अंग्रेजों ने दिया था नीमच नाम
एमपी के नीमच जिले को हम जिस नाम से जानते हैं उसका नामकरण अंग्रेजो ने किया था. आपको बता दें कि अंग्रेजी शासको ने इस जिले में उत्तर भारत की महत्वपूर्ण छावनी होनी की वजह से ये नाम रखा था इसका नाम NIMACH यानी कि नॉर्थ इंडिया मिलिटरी एंड केवल्री हेडक्वाटर्स था. देश की आजादी के बाद सरकार ने इसके नाम की स्पेलिंग में कुछ बदलाव किए हैं
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