LIGO Lab : भारत में पहली LIGO लैब स्थापित करने की तैयारी चल रही है इसे 2600 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इसके निर्माण से ब्रह्मांड की भूगर्भीय घटनाओं का सटीक आंकलन किया जा सकता है। यह दुनिया की तीसरी लैब होगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2600 करोड़ रुपये की लागत से 2030 तक लैब बनाने का लक्ष्य है।
महाराष्ट्र में विश्व की तीसरी LIGO Lab का होगा निर्माण
दुनिया की तीसरी लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेब ऑब्जर्वेटरी (LIGO) लैब महाराष्ट्र के हिंगोली गांव में आ रही है। जिसके लिए राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (आरआरसीएटी) इंदौर को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। पूरी दुनिया में अब तक केवल दो ही ऐसी लैब हैं। ये दोनों लैब अमेरिका के विपरीत छोर पर स्थित हैं। जिसका तीसरा बिंदु भारत होने जा रहा है। जिसके लिए अमेरिका की LIGO लैब के साथ करार किया गया है। इस वजह से पृथ्वी के चारों ओर इन गुरुत्वीय तरंग संवेदकों का एक त्रिकोण बन जाएगा। ब्रह्मांड में किसी भी प्रकार की भौगोलिक घटना का सटीक आंकलन यहां किया जा सकता है। इसकी पुष्टि विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने की।
2600 करोड़ के बने Ligo Lab से लगेगा भौगोलिक घटनाओं का पूर्वानुमान
महाराष्ट्र के हिंगोली गांव में लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेब ऑब्जर्वेटरी लैब स्थापित करने की तैयारी चल रही है। यह लैब 2600 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी। जिसके लिए अमेरिका की LIGO लैब से भी करार हुआ है। यह दुनिया की तीसरी लैब होने जा रही है जबकि भारत में बनने वाली यह इस तरह की पहली लैब होगी। यह लैब अमेरिका से दुनिया के दूसरी तरफ है। जिससे तीनों प्रयोगशालाओं के बीच एक त्रिकोण बन जाएगा और घटनाओं का सही मूल्यांकन हो सकेगा। यह लैब एल शेप में बनेगी। जिसका साइड चार किलोमीटर लंबा होगा। दोनों भुजाओं के जोड़ पर एक वेधशाला का निर्माण किया जाएगा। इस लैब के माध्यम से अंतरिक्ष में होने वाली गुरुत्वीय तरंगों में होने वाले परिवर्तनों के मूल्यांकन के साथ-साथ भूवैज्ञानिक घटनाओं का भी अनुमान लगाया जा सकता है।