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माँ वीरासन देवी के दर्शन को बड़ी संख्या में पहुंच रहे भक्त ,

माँ वीरासन देवी के दर्शन को बड़ी संख्या में पहुंच रहे भक्त ,

नवरात्र महापर्व में हो रही मां वीरासन देवी की विशेष पूजा आज भंडारा एवं रात्रि में देवी जागरण

सिलौडी- सिलौडी से सात किलोमीटर दूर जंगलों के बीच स्थित प्रसिद्ध देवी स्थल मां वीरासन देवी (कचनारी) में नवरात्र महापर्व में माता के दर्शन को भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। माता के भक्त दूर दराज से सुबह से ही माता की पूजा अर्चना दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। प्रांगण में भक्तों द्वारा भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ ले रहे है।
घने जंगलों के बीचों बीच स्थापित है जगत जननी माँ वीरासन देवी का मनोकामना पूर्ण करने वाला मन्दिर इस स्थान का मुख्य रूप है यहाँ पर विराजमान माँ वीरासन देवी की प्रतिमा। माता की प्रतिमा प्राचीन काल की बनी हुई है l माँ वीरासन देवी की प्रतिमा घनघोर जंगल के बीच में स्थापित हैं, और अपने भक्तों की मनोकामनाओ को पूरा करती हैं। माता रानी के दर्शन करने के लिए हर वर्ष माता के भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते रहे है।
मंदिर प्रांगण में हर वर्ष की दोनों नवरात्र में 10 दिन के मेले का आयोजन किया किया जाता है। मंदिर के आस पास पर खुदाई के द्वारा और भी कई प्राचीन अवशेष मिले हैं। मंदिर से कुछ ही दूरी पर खेत में खुदाई करने के दौरान एक कुआं भी मिला था, जो कि देखने में बहुत ही पुराना है प्रतीत होता है, यह मंदिर गवर्नमेंट के अधीनस्थ ट्रस्ट पर हैं । माता के मंदिर में अश्विन नवरात्र में विगत 40 वर्षों से भी अधिक वर्षों से माँ जगदम्बा काली की प्रतिमा को स्थापित किया जाता हैं। माता के दर्शन कर भक्त पुन्यलाभ अर्जित कर माता से जगत कल्याण हेतु प्रार्थना कर मनोकामना मांग रहे है।
माँ वीरासन देवी से 3 कि.मी. की दूरी पर घूघरा स्थित जलप्रपात है जंहा नदी के बीच एक चट्टान हांथी का रूप धारण किये हुए है हांथी नुमा चट्टान में आँख कान सूंड पूंछ सब अंग स्पष्ट दिखाई देते है हांथी के पिंछे वाली चट्टानों में विभिन्न प्रकार के पैरो की आक्रतिया (घोड़े आदि की) स्पष्ट दिखाई देती है, यंहा रंग बिरंगे छोटे छोटे पत्थर के टुकड़े मिलते है, बहुत से लोग चट्टानों पर अपना नाम भी इन्ही रंग बिरंगे पत्थरो से लिख कर सजाते है,
यहां की प्राचीन कहानी है जो बुजुर्गो के अनुसार अनंत काल में घूघरा नदी से बारात निकल रही थी जो यंहा समा गई थी जिसके ये निशान है जो अभी भी दिखाई देते है, इन्हीं पत्थरों के ऊपर चड़कर लोग कुण्ड में कूदकर स्नान करते है। जो दर्शनिक केंद्र बना हुआ है।
*क्षेत्र के मंदिरो एवं सिलौडी में अनेक जगह विराजमान माता के दर्शन करने पहुंच रहे भक्त* – 26 सितंबर सोमवार से प्रारंभ हुआ शक्ति की देवी का महापर्व नवरात्र में सिलौडी कस्बा समेत क्षेत्र के सभी ग्रामों पर माता जगत जननी की आराधना से सारा वातावरण भक्तिमय है।
सिलौंडी पर हर वर्ष की तरह इस बार भी ग्राम के बाजार मोहल्ला चौराहा बरगद के नीचे माता महाकाली, सिद्ध चौक में माता महाकाली, श्रीराम मंदिर में मां शेरावाली, शिव चौक पर मां दुर्गा, बस स्टेण्ड में मां जगत जननी ,जंगल चौकी के पास अंबे मां, झंडा चौक पर मां जगदम्बे, देसाई माता में मातारानी, इंदिरा आवास कॉलोनी में मां भगवती, बाला जी मंदिर में माता कामाख्या देवी, कछियाना मोहल्ले में देवी जी, पचगड्डा पर श्री राम दुर्गा उत्सव समिति ने दुर्गा जी की प्रतिमा की स्थापना की गई है। सिलौडी के भरत नगर, कालोनी, समेत ग्राम में माता की 15 से अधिक प्रतिमाएं मंदिर एवं पंडालों में विराजमान कर आरती, महाआरती, सुंदरकांड, भजन कीर्तन कर प्रसाद वितरण कर रहे है। माता की रोज सुबह और शाम में पूजन आरती से माँ की आराधना की जा रही है। अनेक भक्तो द्वारा 9 दिन का उपवास किया जा रहा है। ग्राम के पुजारी, पुरोहित एवं भक्त गण दिन भर एवं रात्रि पर माँ के पूजन आरती में लीन है। छोटी मढ़िया, बड़ी मढ़िया, खेर माता, देसाई माता आदि देवी स्थलों पर सुबह से ही भक्त जल अर्पित एवं दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सारा वातावरण माता की भक्ति में भक्तिमय है। मां वीरासन देवी में आज अष्टमी तिथि पर जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय के द्वारा दिन में भंडारा का आयोजन एवं रात्रि में देवी जागरण जिसमें प्रसिद्ध देवी भजन गायिका बाली ठाकरे एवं रिजा खान द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों पहुंचते है।

संवाददाता-:अज्जू सोनी उमरिया पान ढीमरखेड़ा कटनी 

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