मोहब्बत में नफरत साबित करने के लिए जानिए क्यों छात्रा को काटनी पड़ी नस, जानें पूरा मामला

11वीं की परीक्षा देने गई एक छात्रा की उसके ही गांव के एक लड़के द्वारा छेड़खानी करने पर कलाई काट दी गई. आरोपी पुत्र सत्येंद्र पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। छात्र की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
सतना जिले में पिछले कुछ दिनों से एक शरारती युवक गांव में रहने वाली एक छात्रा को परेशान कर रहा था. बुधवार को युवक ने छात्रा को परीक्षा के बीच में ही रोक दिया और उससे बात करने की कोशिश की. बदमाश ने नफरत का सबूत मांगा तो छात्र ने अपने हाथ की नस काट ली। घटना के बाद छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में थाने पहुंचकर बदमाश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामला अमरपाटन थाना क्षेत्र का है घटना के बाद छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में थाने पहुंचकर बदमाश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामला अमरपाटन थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार अमरपाटन थाना क्षेत्र के बड़हिया गांव की 15 वर्षीय किशोरी अमरपाटन राजकीय कन्या विद्यालय में ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा है. बुधवार को उसकी परीक्षा थी। वह ऑटो से परीक्षा देने गई जब वह ऑटो से उतर कर परीक्षा केंद्र की ओर जा रही थी तो उसके गांव के सत्येंद्र पांडेय ने उसे नगर परिषद के सामने रोक लिया और उसके साथ छेड़खानी करने लगा. छात्र ने उसे समझाया। तो सत्येंद्र ने उसे ब्लेड देते हुए भड़काते कहा, अगर तुम मुझसे प्यार नहीं करते तो अपनी जान देकर दिखा दो। दुष्कर्म के बाद युवती ने ब्लेड से अपना बायां हाथ की नस काट ली
लगातार कर रहा था प्रताड़ित : परिजनों ने बताया कि आरोपी सत्येंद्र पांडेय छात्रा को लगातार प्रताड़ित कर रहा था। गांव में भी वह अक्सर उसके साथ बदसलूकी करता था। मामले की जानकारी सत्येंद्र के परिजनों को भी दी गई। लेकिन उनकी आदतों में कोई सुधार नहीं हुआ। मामले की सूचना मिलने के बाद आरोपी सत्येंद्र पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
हुआ था हंगामा : छात्रा के हाथ की नस कटते ही सत्येंद्र मौके से भाग गया। घटना स्कूल के सामने हुई। यहां स्कूली छात्राएं भी पहुंचीं। सभी छात्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लेकर पहुंचे। वहा प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
छात्रा ने दिया टेस्ट : प्राथमिक इलाज के बाद छात्रा ने अपनी हालत से अवगत कराया इसके बाद वह परीक्षा देने चली गई। बाद में खबर मिलने पर परिजन आए और परीक्षा के बाद छात्रा को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए।