रामायण के सुरवादन से जब थिरकने लगते है लोग,अदभदू कला का करते है प्रदर्शन

वैसे तो देश भर में अपने अच्छी गायिका से कई लोग मशहूर हुऐ है। जिनके सुरो में हर कोई मदहोश हुआ है, खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पुरानी प्रथा को लोग जिंदा किए हुऐ है, जी हां हम बात कर रहे है, ग्रामीण क्षेत्रों में रामलीला, रामचरित्र मानस, और रामायण की, जहां लोग अपनी प्रस्तुति में इतना डूब जाते है ,की हर कोई इनकी कला का कायल हो जाता है।

मध्य प्रदेश। के सीधी जिले के चुरहट विधान सभा के ग्राम बघौऊ में वर्षो से रामचरित्र मानस, और रामायण की प्रस्तुति कर रहे शुक्ला मंडली अपने पूरे क्षेत्र में नामी है लोग इनके सुरो के कायल है । अन्नुराम बताते है की रामायण गाने के लिऐ दूर दूर से इन्हे बुलाया जाता है। इस मंडली में ज्यादातर लोग अनुभवी है जिन्हे गानतान की काफी ज्यादा जानकारी है,,पर अफसोस करने की बात यह है की आज तक इनके पास सोशल मीडिया प्लेटफार्म नहीं है, क्योंकि यहां किसी भी नेटवर्क की उपलब्धता बहुत कम रहती है। जिसके कारण ये मंडली पीछे चल रही। ढोलक में सलीके से उंगली फेरते है हिरामन पटेल जो अपनी कला से हर किसी को थिरकने पर मजबूर कर देते है, हरमोनियम में बैठे गुलाब पटेल जिनकी साज से सुर का संगम और लय बधता,मजीरा, अन्नू राम शुक्ला जो साज सुर को और निखारते है वही अपनी शुरूली आवाज से रामायण की चौपाइयां को रंग देते है जितेंद्र शुक्ला (शुक्ला) वही सहयोगी कोमल चंद पटेल, लखपति पटेल,हरिशंकर उपधाय , यहां स्थानी मंदिर में हर शनिवार को रामायण का कार्यक्रम रखा जाता है ।