लव मैरिज ने बनाया गांव का ‘प्रधान’:सागर में सबसे कम उम्र की सरपंच बनीं; पंचायत में एक मात्र आदिवासी महिला हैं जानकी
दोस्ती प्यार में बदलने के बाद 4 साल पहले उसने गौरव पटेल से लव मैरिज की और घर बसाया। उस समय उसने जरा भी नहीं सोचा था कि वह कभी गांव की प्रधान बनेगी। लेकिन आज सागर जिले की केसली जनपद की ग्राम पंचायत देवरी नाहरमऊ (नन्नी देवरी) में सबसे कम उम्र की सरपंच बन गई। पढ़िए प्यार से लेकर गांव के प्रधान बनने की कहानी उसी की जुबानी….
मैं नाहरमऊ गांव में रहती हूं। गांव के ही गौरव पटेल से पहले दोस्ती हुई। दोस्ती प्यार में बदल गई तो हम दोनों ने शादी करने का फैसला किया। हम दोनों के परिवार वाले भी इसके लिए राजी हो गए। 4 साल पहले हमने लव मैरिज की। हमारे परिवारवाले शादी से खुश थे। शादी के करीब 4 साल बाद पंचायत चुनाव की घोषणा हुई। हमारी ग्राम पंचायत को एसटी महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। एसटी महिला सीट होने के बाद गांव में सरपंच प्रत्याशी की तलाश हुई तो सिर्फ मैं ही एक दावेदार निकली। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं कभी गांव की प्रधान बन पाऊंगी। शुरुआत में थोड़ा डर लगा। लेकिन परिवार वालों ने हौसला बढ़ाया। इसके बाद गांववालों ने भी मुझे निर्विरोध सरपंच बनाने का एकमत फैसला लिया। मैं निर्विरोध सरपंच बन गई। गांव के 16 वार्डों के पंच भी निर्विरोध चुने गए। मुझे जिले की सबसे कम उम्र की सरपंच बनने का मौका मिला। मैं गांववालों के भरोसे को तोडूंगी नहीं। पांच साल में इतना काम करूंगी की अगली बार भी इस पंचायत में मैं ही सरपंच बनू।
सरपंच बनने के बाद मेरी ये प्राथमिकता
सरपंच का काम गांव की हर समस्या का समाधान करना होता है। मैं भी गांव के हर व्यक्ति की समस्या का निराकरण करूंगी। गांव में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस चौकी खुलवाने के प्रयास करूंगी। मैं 10वीं कक्षा तक ही पढ़ाई कर पाई। बच्चों की पढ़ाई के लिए हायर सेकंडरी स्कूल खुलवाने की पहल करूंगी ताकि आने वाली हमारी पीढ़ी अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें। अभी हायर सेकंडरी की पढ़ाई के लिए बच्चों को दूसरे गावों में जाना पड़ता है। घर-घर पानी पहुंचाया जाएगा। शौचालय, आवास, पेंशन आदि शासकीय योजनाओं का हर पात्र व्यक्ति को लाभ दिलाया जाएगा। सड़कें अच्छी बनवाई जाएंगी।
गांव में एकमात्र आदिवासी महिला हैं जानकी
देवरी नाहरमऊ (नन्हीं देवरी) ग्राम पंचायत का सरपंच पद एसटी महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ था। 2011 की जनगणना के अनुसार गांव में 10 आदिवासी परिवार निवास करते थे। लेकिन वर्तमान में एक भी आदिवासी परिवार पंचायत में निवास नहीं करता हैं। 1670 की आबादी वाली ग्राम पंचायत देवरी नाहरमऊ में सिर्फ एक आदिवासी महिला जानकी है। उसने गौरव पटेल से प्रेम विवाह किया था। तभी से वह गांव की निवासी बनकर रह रही हैं।
ग्राम पंचायत देवरी नाहरमऊ में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार करीब 10 आदिवासी परिवार रहते हैं। लेकिन यह परिवार पिछले वर्षों में अलग-अलग समय पर गांव छोड़कर चले गए। 4 साल पहले जानकी ने प्रेम विवाह किया और वह गांव में ही रहने लगी। यदि लव मैरिज कर जानकी गांव में नहीं रह रही होती तो ग्राम पंचायत में सरपंच चुनाव के लिए दोबारा आरक्षण की प्रक्रिया करना पड़ जाती।