लाडली बहना योजना में इन महिलाओं का काटा जा रहे हैं नाम जानें क्या है वजह
एमपी में लाडली बहना पात्रों के लिए आला अफसरों को ठंड में आया पसीना जान एक करोड़ महिलाएं जांचने के लिए लगा रहे हैं कैसी कैसी शर्ते
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की बहुचर्चित लाडली बहना योजना बनने के लिए इंतजार कर रहे हैं इन महिलाओं को झटका लग सकता है जो शादीशुदा नहीं है ऐसी महिलाओं को भी निराश होना पड़ सकता है जिनके परिवार में कोई चार पहिया गाड़ी और ट्रैक्टर है
योजना में जोड़ने पड़ रही नई नई शर्तें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की योजना के लाभार्थियों की संख्या सीमित करने के लिए महिला एवं बाल विकास के आला
अफसर के राइडर शर्तें की गंभीरता से विचार किया जा रहा है आइए आपको बताते हैं कि राज्य सरकार के मुखिया ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को लाडली बहना बनाकर उनके बैंक
अकाउंट में हर महीने 1,000 डालना चाहते हैं तो फिर विभाग के अधिकारियों को योजना के ड्राफ्ट में नई-नई शर्तें क्यों नहीं पढ़ रहे हैं
योजना की शर्तों पर सीएम से हुई चर्चा
मध्य प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी के लिए गेमचेंजर मानी जा रही है लाडली बहना योजना इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए महिला बाल विकास विभाग के अफसरों को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना के लाभ के लिए अगले 5 मार्च से गांव-गांव फॉर्म भरवाने का ऐलान कर दिया है इस तारीख से पहले विभाग के अफसरों को योजना का ड्राफ्ट तैयार कर इसे कैबिनेट से मंजूर कर आना है
सीएम की मंशा के अनुरूप योजना कार्ड आप तैयार करने के लिए विभाग के आला अफसरों ने शुक्रवार 17 फरवरी की शाम मुख्य सचिव इकबाल सिंह से चर्चा की है
1 करोड़ महिलाएं छांटने की चुनौती
कैबिनेट की मंजूरी के लिए योजना का ड्राफ्ट तैयार करने में जुटे महिला बाल विकास भाई गांव अफसरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती
योजना के लिए पात्र महिलाओं के मापदंड का तय करना है क्योंकि मुख्यमंत्री ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना के दायरे में लाना चाहते हैं
उन्होंने इस योजना को जाति और गरीबी रेखा मापदंड बंधन से मुक्त रखने के निर्देश दिए हैं इस लिहाज से देखा जाए तो प्रदेश में 18
साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं की संख्या करीब 2 दशमलव 65 करोड़ है खजाने की हालत को देखते हुए सरकार ऐसा एक करो महिलाओं को इस योजना के दायरे में ला सकती है
अफसरों के सामने चुनौती
अप सरकार के आला अफसरों के सामने एक चुनौती है कि 2.65 करोड़ में से एक करोड़ महिलाओं की चटनी कैसे की जाए ताकि लाडली महिला योजना के दायरे में हर जाति की महिलाएं
कवर हो जाए लेकिन इसके लिए पूर्व में तय की गई सभी शर्तें जोड़ने के बाद भी महिलाओं का आंकड़ा डेढ़ करोड़ से कम नहीं हो रहा है
जबकि सरकार अपने खजाने की हालत को देखते हुए अभी अधिकतम एक करो महिलाओं को ही योजना का लाभ दे सकती है अतः विवाह के अफसरों को 5000000 महिलाओं की संख्या कम करने के लिए योजना की नई नई शर्ते जोड़ने पड़ रही है
योजना के लिए यह शर्तें जोड़ने का प्रस्ताव
योजना का ड्राफ्ट तैयार करने में जुटी महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों के मुताबिक लाडली महीना योजना के लिए पात्र महिलाओं की संख्या सीमित करने के लिए इससे पहले 14 फरवरी को मंत्रालय में बैठक हुई थी
इनकम टैक्स भरने वाले परिवार की महिलाओं को इसके दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया गया था यानी 18 वर्ष से कम ज्यादा
आयु कि कोई ऐसी महिलाएं जो नौकरी पेशा नहीं है लेकिन उनके पिता या पति आयकर दाता है तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा
कौन सी महिलाओं को किया जाएगा बाहर
ऐसी महिलाएं को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है जो खुद या उनके पति किसी सरकारी विभाग में नियमित कर्मचारी हैं
चुने हुए जनपद में जैसे पार्षद विधायक और सांसद के परिवार की महिलाओं को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा इसके अलावा योजना के हितग्राहियों की संख्या सीमित करने के लिए
ऐसी महिलाएं को भी योजना से बाहर रखने का विचार किया जा रहा है सरकार की किसी योजना के तहत सीधे कोई आर्थिक सहायता राशि का लाभ उठा रहे हैं
योजना के ड्राफ्ट के लिए 17 फरवरी को हुई बैठक में अविवाहित महिलाओं के साथ ऐसी महिलाओं को भी दायरे से बाहर रखने का सुझाव
दिया गया है इनके परिवार में कोई चार पहिया वाहन यात्रा की लाडली बहना योजना के बारे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री के स्तर पर ही लिया जाएगा
5 मार्च से भरवाए जाएंगे लाडली बहना की फॉर्म
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को औपचारिक शुरुआत 5 मार्च से बड़े समारोह करेंगे प्रदेश किस दिन लाडली बहना योजना के फॉर्म भरने की
शुरुआत की जाएगी सीएम ने लाडली बहना योजना की आवेदन का फॉर्म और प्रतिज्ञा बहुत ही आसान रखने के निर्देश दिए हैं
ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कम पढ़ी लिखी महिलाओं के इसके लिए भटकना न पड़े योजना के फॉर्म ऑनलाइन नहीं बल्कि हर शहर हर गांव में समारोह पूर्वक ऑफलाइन यानी मैनुअल तरीके से भरे जाएंगे यह काम अप्रैल के अंत तक पूरा किया जाएगा
इसके बाद योजना के लिए पात्र महिलाओं की लिस्ट तैयार करने के बाद मई महीने की पूरा करने का लक्ष्य है यदि पात्र पाई गई महिलाओं के बैंक खाते में जून महीने में हर महीने ₹1000 डाले जाएंगे
एक करोड़ महिलाओं पर हर साल 12 हजार करोड़ का खर्च होगा
लाडली बहन योजना के लिए बजट अपेक्षित राशि का प्रावधान करना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है यदि सरकार योजना की शुरुआत में एक करोड़ महिलाओं को लाभ के दायरे में लाना चाहती है
तो उसे हर महीने 1000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी इस लिहाज से मध्यप्रदेश की एक करोड़ महिलाओं के खाते में हर महीने
₹1000 की राशि डालने के लिए उसे महिला बाल विकास विभाग के बजट में हर साल ₹12000 की ज्यादा राशि राशि प्रावधान करना होगा
पिछले साल महिला बाल विकास विभाग का बजट ₹5014 का था इस लिहाज से सरकार को 2023 24 में विभाग में बजट को 2 गुना ज्यादा राशि का प्रावधान कराना होगा
विभाग के सूत्रों का कहना है कि बजट में योजना के लिए ₹12000 की राशि जुटाने में कोई कठिनाई नहीं आएगी बता दें कि अभी सरकार पर करीब 300000 करोड़ रुपए का कर्ज है उसे हाल ही में ₹3000 का कर लिया था