विधानसभा में सिहोरा जिला का मुद्दा उठाएं विधायक,सिहोरा जिले की अंतिम अधिसूचना 20 वर्षों से जारी नहीं हुई
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने दिया अपना 93 वाँ धरना
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने एक बार फिर सिहोरा की विधायक नंदनी मरावी से मांग की कि वे आगामी 11 जुलाई से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र में सिहोरा जिला की बात विधानसभा प्रश्न या ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाएं । समिति ने विधायक से अपील की कि वे सिहोरा की जनप्रतिनिधि होने के कारण अपना फर्ज निभाते हुए सिहोरा जिला की 20 वर्षों से लंबित अंतिम अधिसूचना जारी करवाने का सरकार पर दबाव बनाएं। यह बात लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने अपने धरने के 93 वें रविवार पुराने बस स्टैंड सिहोरा में आयोजित धरने में कहीं ।
20 वर्षों से जारी नहीं हुई अंतिम अधिसूचना-लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के नागेन्द्र क़ुररिया ने अपने धरने में बताया कि सिहोरा जिला की 2001 से 2003 तक के समस्त दस्तावेजों को सार्वजनिक करते हुए बताया की 11 जुलाई 2003 को समस्त दावे आपत्तियों के निराकरण के पश्चात सिहोरा जिला की चतुर सीमा के निर्धारण का राजपत्र जारी हुआ था। इस राजपत्र में संपूर्ण सिहोरा,बहोरीबंद और मझौली विकासखंड को मिलाकर सिहोरा जिला बनाना तय किया गया था। उसके बाद 1 अक्टूबर 2003 को मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट ने सिहोरा जिला को अपनी कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की थी। सिहोरा जिला की अंतिम अधिसूचना का प्रकाशन शेष रह गया था जो 20 वर्षों के लंबे समय के पश्चात भी आज तक जारी नहीं हुआ है ।
11 जुलाई को जारी हुआ था राजपत्र-लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के नत्थू पटेल ने बताया कि 11 जुलाई 2003 को सिहोरा जिला की चतुर सीमा के निर्धारण का राजपत्र जारी हुआ था। पूरे पूरे 20 वर्षों के बाद भी जिला अस्तित्व में नहीं आया। उन्होंने मध्य प्रदेश की सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान,सिहोरा विधायक नंदनी मरावी और महामहिम राज्यपाल से राजपत्र की प्रतियां दिखाते हुए पूछा यह महज एक कागज का टुकड़ा है या संविधान का प्रतीक ।मध्य प्रदेश की सरकार इस राजपत्र पर कब अमल करेगी ।
दीवारों में लिखे गए नारे- लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए आज सिहोरा खितौला की अनेक दीवारों पर जिला सिहोरा संबंधी नारे लिखकर अपने मंसूबे साफ कर दिए।
मुख्यमंत्री से मांगा समय–लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के विकास दुबे ने बताया कि समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान से मिलने का समय मांगा था परंतु मुख्यमंत्री जी आज तक वार्ता हेतु आमंत्रित नही किया।समिति ने दो टूक कहा कि 20 वर्षो से लगातार सत्ता देने के बाद भी सिहोरा की इतनी अनदेखी सिहोरावासियों का अपमान है।
जारी रहेगा आंदोलन-समिति ने एक बार पुनः घोषणा की कि जब तक मध्य प्रदेश की सरकार सिहोरा को जिला नहीं बनाती तब तक उनका आंदोलन निरंतर जारी रहेगा।
आज के धरना प्रदर्शन आंदोलन में गिरते पानी के बावजूद समिति के अनिल जैन ,कृष्ण कुमार क़ुररिया, सुशील जैन, पन्ना लाल यादव, रामजी शुक्ला, अजय विश्वकर्मा गौरी राजे,राजभान मिश्रा,सुखदेव कौरव,मानस तिवारी, मोहन सोंधिया,अमित बक्शी सहित अनेक सिहोरा वासी मौजूद रहे।
संवाददाता:-अज्जू सोनी