हनुमना में चल रहे पांच दिवसीय मानस सम्मलेन के मुख्यअतिथि कमलेश्वर पटेल पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना की अध्यक्षता रही

संपतिदास गुप्ता – बेटा और बेटी के कर्तव्य परायणता मैं बहुत अंतर होता है साध्वी अन्नपूर्णा-कमलेश्वर पटेल रहे मुख्य अतिथि सुखेंद्र ने की अध्यक्षता जब साध्वी अन्नपूर्णा ने सीता स्वयंवर की कथा सुनाते हुए बेटा और बेटी में अंतर बताते हुए कहा बेटी कहां बेटी सदैव अपने कर्तव्यों के पालन में खड़ी मिलेगी कारण है कि बेटी की विदाई में विदेह राज जनक भी अपने आंसुओं को रोक नहीं सके आपको बता दें कि साध्वी अन्नपूर्णा जी हनुमाना के स्वामी माधवाचार्य जी महाराज की तपस्थली रामलीला मैदान में चल रही पांच दिवसीय पंडित सूर्य प्रताप मिश्र स्मृति अखिल भारतीय मानस सम्मेलन के अपने अंतिम प्रवचन में यह बातें कहीं समापन समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल एवं अध्यक्षता पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना नेकी पूर्व मंत्री श्री पटेल ने कहा कि 98 वर्षों से हनुमना में चल रही मानस सम्मेलन की यह श्रृंखला है
उसमें मेरे पिताजी को भी अक्सर बुलाया जाता था आज मुझे स्वयं इस कार्यक्रम के समापन समारोह में शामिल होने का अवसर मिला इसके लिए मैं आयोजन समिति तथा संचालक डॉ नवल किशोर बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं उन्होंने कहा कि आज अन्याय अत्याचार
भ्रष्टाचार चरम चरम सीमा पर बढ़ता जा रहा है सरकारें चाहे किसी की भी हूं इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा ऐसे आयोजनों से समाज में सुचिता तथा पॉजिटिव संवेदना का संचार होता है पूर्व सुखेंद्र सिंह बन्ना ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पंडित सुरता मिश्र जी से मुझे कक्षा नवमी में अध्ययन करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ था उस हनुमना हायर सेकेंडरी में कोई भी आयोजन होते थे चाहे वह सांस्कृतिक हो या खेलकूद के सभी में उनकी अहम भूमिका हुआ करती थी रिटायरमेंट के बाद भी समाज के प्रत्येक गतिविधियों में उनकी भूमिका से जन्म-जन्म वाकिफ है। इस दौरान क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोगों को साल से फल से सम्मानित भी किया गया यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि 5 दिनों तक बहने वाली कथा त्रिवेणी में जस्टिस ए के सिंह तुलसी शोध संस्थान के पूर्व निर्देशक प्रोफेसर अवधेश पांडे मिर्जापुर आकाशवाणी कथा प्रवक्ता हरिशंकर अनुरागी तांत्रिक पीठाधीश्वर भैरव दास जी महाराज वाराणसी से पधारे पंडित राघवेंद्र पांडे राज रतन मिश्रा रामाधीन मिश्र रामाश्रय शास्त्री तथा बाल व्यास सौर्य तोमर ने प्रवचनों में अनेक गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डाला कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए पत्रकार विकास परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा वरिष्ठ पत्रकार संपत दासगुप्ता ने कहा कि जबसे जानने लायक हुआ तब से पंडित सूर्य प्रताप मिश्र जी। को इस कार्यक्रम का मूल व्यवस्थापक व संचालक के रूप में पाया और उसके बाद आज भी उस संकला को उनकी स्मृति में उनके सुयोग्य पुत्र डॉक्टर नवल किशोर जी अबाध गति से जहां संचालित किए हुए हैं वही हनुमना की माटी की सुगंध काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विधि संकाय के प्राध्यापक के रूप में समूचे देश में बिखेर रहे हैं यह हम सब का सौभाग्य है