मौसम विभाग का इस साल सामान्य बारिश का अनुमान, जानिए कब आ रहा मानसून

इस वर्ष मानसून की स्थिति नॉर्मल रहने का अनुमान है। विभाग की तरफ से मंगलवार को जानकारी दी गई थी। इससे एक दिन पहले मौसम एजेंसी स्काईमेट ने देश में सामान्य से कम बारिश का आकलन लगाया था।
बारिश नॉर्मल रहती है तो देश में Food ग्रेन प्रोडक्शन भी नॉर्मल ही रहने का अंदाजा है। मतलब इसमें महंगाई से राहत मिल सकती है। भारत में किसान ज्यादातर 1 जून से गर्मियों की फसलों की बुआई शुरू करते हैं। समय होता है जब मानसून की बारिश भारत पहुंचती है।
आईएमडी ने बताया कि लॉन्ग पीरियड एवरेज एलपीए की 96% बारिश हो सकती है। हालाकि बारिश एलपीए के 90-95% के बीच होती है। तो इन्हे सामान्य से कम कहा जाता है।
एलपीए 96%-104% हो तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है। एलपीए अगर 104% से 110% के बीच है तो नॉर्मल से ज्यादा बारिश कहते हैं। 110% से ज्यादा को एक्सेस बारिश और 90% से कम बारिश यानी सूखा पड़ना कहा जाता है
मई में आ सकता है मानसून का अगला अपडेट
आईएमडी ने जानकारी दी की मई के अंतिम सप्ताह में मानसून का अपडेट आएगा। वहीं अल-नीनो के असर पर कहा की, इस वर्ष अल-नीनो का असर मानसून सीजन के दूसरे मध्य में दिख सकता है।
विभाग ने बताया की , अल-नीनो की स्थिति जरूर बनेगी पर ये बहुत ताकतवर नहीं, बल्कि मॉडरेट होगा। इसलिए इसका टेंशन करने की जरूरत नहीं है। अल-नीनो साल खराब मानसून वर्ष नहीं होते हैं, बीते 40% अल-नीनो साल सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश वाले रहे हैं।
मजबूत आय के लिए अच्छी बारिश जरूरी
पुरे देश में सालाना जितनी बारिश होती है, उसका 70% पानी दक्षिण-पश्चिम मानसून में बरसता है। देश में 70% से 80% किसान सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते है। पैदावार पूरी तरह से मानसून के अच्छे या खराब रहने पर निर्भर करता है। खराब मानसून होने पर महंगाई भी बढ़ती है।
कृषि स्टार की भारतीय अर्थव्यवस्था में साझेदारी 20% के करीब है। साथ ही हमारे देश की आधी आबादी को कृषि में ही रोजगार देता है। अच्छी बारिश का मतलब है कि आधी आबादी की कमाई त्यौहार सीजन से पहले अच्छी हो सकती है। जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी।