सीएम ने किया निलंबित DEO ऑन ड्यूटी कलेक्टर की समीक्षा बैठक पहुंचे बोले मुझे प्रशासन से नहीं मिला आदेश
जिस प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पवन सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 दिसम्बर को मड़रिया में आयोजित कार्यक्रम के दौरान निलंबित करने का आदेश दिया था। सीएम के आदेश के बाद भी वह कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान आए। इस दौरान कलेक्टर भी मौजूद रहे। इसे अब सीएम के आदेश का सीधी उल्लंघन माना जा रहा है।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा कि सीएम बड़े जोश से भाषण दे देते हैं। उस पर अमल नहीं होता है। उन्होंने भरे मंच में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पवन सिंह को निलंबित किया। उन्होंने कहा कि मेरी बहन जैसी महिला से रिश्वत मांगी, जिसका ऑडियो वायरल हुआ था। इस तरह के डीईओ को हम तत्काल निलंबित करते हैं। लोगों ने तालियां बजा दीं और उनका काम हो गया। लेकिन सीएम के आदेश के बाद निलंबन की कार्रवाई नहीं हुई है।
हमें नहीं मिला प्रशासन की तरफ से आदेश
निलंबित प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पवन सिंह ने कहा कि हमें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। समीक्षा बैठक में मैं गया था, वहां पूरे समय मौजूद था। कलेक्टर ने जो ड्यूटी लगाई थी उस पर हम काम कर रहे थे। हमें इसकी जानकारी नहीं थी। मुझे कोई आदेश अभी तक प्रशासनिक अमले से नहीं मिला है। मैं पहले की तरह आज भी बैठक में था।
रिश्वत लेते ऑडियो हुआ था वायरल
हटवा में प्राचार्य पवन कुमार सिंह ने एक अतिथि शिक्षिका की नियुक्ति को लेकर रिश्वत की मांग थी। उसका ऑडिओ वायरल हुआ था। सभी नेताओं को मालुम है। उसके बाद भी उन पर कार्रवाई करने के बदले उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार दिया है।
CM घोषणावीर- कांग्रेस अध्यक्ष
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ज्ञान सिंह चौहान ने कहा कि जनता के साथ सरकार अन्याय कर रही है। दुख इस बात का है कि मुख्यमंत्री निलंबन की घोषणा भरे मंच से कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है। सीएम की यह कैसी घोषणा। समीक्षा बैठक में डीईओ हों या कोई भी अधिकारी हों जिन्हें निलंबित किया है। उन्हें बैठने का अधिकार नहीं होता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री घोषणावीर हैं। कही न कहीं उनकी बातों पर अधिकारी भी अमल नहीं करते। इसलिए जिस डीईओ को निलंबित करने का आदेश दिया, उसे आज समीक्षा बैठक में बुलाया जाना समझ से परे है।