मध्यप्रदेश

बिजली कंपनियों में 50 हजार स्थायी पदों की तैयारी, उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी

14 साल बाद बिजली कंपनियों में 50 हजार पदों की बहाली, उपभोक्ताओं को मिलेगा समय पर समाधान और सेवाओं में सुधार

मध्य प्रदेश की बिजली व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार जल्द ही बिजली वितरण कंपनियों में 50 हजार से ज्यादा स्थायी पदों की स्वीकृति देने जा रही है। यह नियुक्तियां मध्य, पूर्व और पश्चिम क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनियों में की जाएंगी, जिससे 1.78 करोड़ उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा।

सेवा में आएगा सुधार

फिलहाल बिजली कंपनियां कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रही हैं। इससे उपभोक्ता सेवा पर असर पड़ रहा है—बिजली जाने पर शिकायतों का समाधान समय पर नहीं हो पाता, और उपभोक्ताओं को बार-बार टोल फ्री नंबरों पर संपर्क करना पड़ता है। नए पदों के सृजन से इन परेशानियों में काफी कमी आने की उम्मीद है।

14 साल बाद मिल सकते हैं नए पद

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर (ओएस) के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। गौरतलब है कि पिछली बार साल 2011 में 48 हजार पदों को स्वीकृति दी गई थी, जब उपभोक्ताओं की संख्या 91 लाख थी। आज यह संख्या बढ़कर 1.78 करोड़ हो गई है, लेकिन पदों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।

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पुराने रिटायर, काम आउटसोर्स के भरोसे

बिजली कंपनियों में अब तक अधिकांश काम आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है, जो कि करीब 75 प्रतिशत तक है। कई अनुभवी अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ा है।

ऊर्जा मंत्री की पहल, मुख्यमंत्री की सहमति

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कर्मचारियों की कमी और सेवा गुणवत्ता में गिरावट के मुद्दे को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष प्रमुखता से उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए ओएस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने का निर्णय लिया है।

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