अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करने का ऐलान किया है, जिसने राजस्थान के निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य से अमेरिका को होने वाले 17 हजार करोड़ रुपए के निर्यात पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
सबसे अधिक प्रभावित होंगे ये क्षेत्र
नया टैरिफ खासतौर पर जेम्स-ज्वैलरी, गारमेंट्स और हैंडीक्राफ्ट जैसे सेक्टरों के लिए चुनौती बन सकता है।
हैंडीक्राफ्ट: ₹5,000 करोड़
जेम्स-ज्वैलरी: ₹3,500 करोड़
गारमेंट्स: ₹1,500 करोड़
पहले इन पर केवल 5.5% शुल्क था, जो अब 25% हो जाएगा, जिससे इन उत्पादों की कीमत बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धा घटेगी।
निर्यातकों की चिंता बढ़ी
फेडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि यह टैरिफ नीति निर्यातकों को वैश्विक बाजार में पीछे कर सकती है। उनका सुझाव है कि भारत सरकार को उत्पादन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को और मजबूती देनी चाहिए और निर्यात नीति में सुधार करना चाहिए।
एपल की ‘मेक इन इंडिया’ योजना को झटका
टैरिफ का असर सिर्फ स्थानीय उद्योगों पर नहीं, बल्कि वैश्विक कंपनियों की रणनीति पर भी दिखेगा। एपल ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की योजना बनाई थी ताकि चीन पर निर्भरता घटाई जा सके। लेकिन अगर 25% शुल्क लागू होता है, तो एक 500 डॉलर के iPhone पर 125 डॉलर अतिरिक्त टैक्स लग जाएगा। ऐसे में एपल भारत की बजाय चीन या वियतनाम की ओर रुख कर सकता है।
सरकार के लिए अगला कदम क्या होना चाहिए
भारत सरकार को चाहिए कि वह
PLI योजनाओं को और व्यापक बनाए,
निर्यात नीति में त्वरित सुधार करे,
और निर्यातकों को वित्तीय सहारा दे, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में टिके रह सकें।
अमेरिका द्वारा घोषित नया टैरिफ सिर्फ व्यापार पर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक रणनीति पर भी असर डाल सकता है। यह समय है जब केंद्र सरकार को सक्रिय होकर निर्यातकों की समस्याओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।