प्रदेश भर में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जल गंगा अभियान जोरों पर है। इसी कड़ी में रीवा में अमृत सरोवर योजना 2.2 के तहत 30 से अधिक नए तालाबों का निर्माण किया जाएगा यह प्रयास जल संचयन को मजबूत करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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जल संरक्षण के लिए ठोस कदम
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि जल संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सभी ब्लॉकों में तालाबों के निर्माण की योजना बनाई गई है। 30 मार्च से शुरू होकर जून तक चलने वाले इस अभियान के तहत चिन्हित स्थानों पर जल संरचनाओं का विकास किया जाएगा।
इसके अलावा, मनरेगा योजना के तहत पहले से निर्माणाधीन 1000 जल संरचनाओं को शीघ्र पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे वर्षा जल का संरक्षण प्रभावी ढंग से किया जा सके।
सामाजिक भागीदारी से मिलेगा बल
जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसमें आम जनता, स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं की भी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। सामूहिक सहयोग से ही यह अभियान एक जन आंदोलन का रूप ले सकता है।
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भविष्य के लिए जल संरक्षण आवश्यक
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान जल संकट को दूर करने में मददगार साबित होगा। जल संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों की निरंतरता बनी रहे।
रीवा में शुरू हुआ यह जल संरक्षण अभियान न केवल जल संकट के समाधान में सहायक होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। अगर हम सब मिलकर इस पहल में योगदान दें, तो जल की हर बूंद को बचाया जा सकता है और भविष्य को जल समृद्ध बनाया जा सकता है।
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