एक बार रोक लेती तो जिंदा होता…”: मोहब्बत में मिले धोखे ने ले ली रोहन की जान

रोहन की कहानी उन हजारों युवाओं की कहानी जैसी है जो भावनात्मक टूटन और सामाजिक उपेक्षा के बीच घुटते रहते हैं। यह मामला सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, एक सिस्टम पर सवाल है

MP News: मोहब्बत की शुरुआत जहां मीठे लफ़्ज़ों से हुई, वहीं उसका अंत बेदर्द खामोशी और बेरुखी से हुआ। अन्ना नगर में रहने वाला 19 वर्षीय युवक रोहन मोरे प्रेम में मिले धोखे से इतना टूट गया कि उसने अपनी जान दे दी। पहले तो कलाई की नस काटकर खुद को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन जब दर्द से राहत नहीं मिली, तो 8 दिसंबर 2024 को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

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आखिरी संदेश में लगाई थी गुहार

रोहन के मोबाइल में उसके और एक युवती के बीच की आखिरी बातचीत सामने आई है, जिसमें वह बार-बार कहता है—”सुसाइड कर रहा हूं… बहुत डर लग रहा है। बस एक बार कह दो कि बच जाओ…” जवाब में युवती ने लिखा—”मर जा। इस एक संदेश ने शायद रोहन की आखिरी उम्मीद भी तोड़ दी थी।

माँ की पुकार: “मेरे बेटे को इंसाफ चाहिए”

रोहन की माँ रेखा मोरे का कहना है कि उनका बेटा मोहल्ले की एक लड़की से प्रेम करता था। दोनों लंबे समय से एक-दूसरे को जानते थे और शादी तक की बात हो चुकी थी। पर अचानक लड़की ने रिश्ता तोड़ दिया और रोहन को अपशब्द कहने लगी।

रेखा जी के अनुसार, “वो उसे बार-बार कहता रहा कि मुझसे पहले जैसी बात कर लो, एक बार कह दो कि मत करो सुसाइड, पर उसने नहीं सुनी। उल्टा उकसाया।

करियर, पढ़ाई और ज़िंदगी—all खत्म

माँ ने रोते हुए बताया कि, “उस लड़की के कारण पहले मेरे बेटे की पढ़ाई छूटी, फिर नौकरी गई और अब ज़िंदगी भी चली गई। मेरे इकलौते बेटे को इस हाल तक पहुंचा दिया गया। उन्होंने सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं, जिनमें वीडियो, चैट और मोबाइल रिकॉर्डिंग शामिल हैं। फिर भी अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है।

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पुलिस की प्रतिक्रिया

टीआई अवधेश सिंह तोमर ने कहा कि जांच जारी है। जिस युवती पर संदेह है, उसके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। स्वतंत्र गवाह मिलने पर ही कार्रवाई की जाएगी। रोहन के माता-पिता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।

चार महीने से इंसाफ की लड़ाई

रोहन की मौत को चार महीने बीत चुके हैं, लेकिन माँ अभी भी उम्मीद में जी रही है कि एक दिन न्याय ज़रूर मिलेगा। उनका कहना है— “जब तक मेरे बेटे को सुसाइड के लिए उकसाने वालों को सज़ा नहीं मिलेगी, तब तक चैन की नींद नहीं सो पाऊंगी। आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ूंगी।

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