Sidhi News: भ्रष्टाचार की मूर्ति बने सीधी डीईओ, अनुरक्षा मद में करोड़ों रुपए का घोटाला जांच के लिए उठी मांग।
प्रथम न्याय न्यूज़ सीधी। सीधी जिले के जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. प्रेम लाल मिश्रा इन दिनों भ्रष्टाचार की नई मूर्ति बन गए हैं क्योंकि लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने के उद्देश्य से अनुरक्षा मद के तहत प्रत्येक विद्यालय को तीन लाख रूपये आवंटित किये गए जिसके तहत सीधी जिले की 151 शासकीय स्कूलों को भी यह मद जारी किया गया। लेकिन सीधी जिले में भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहने वाले प्रभारी डीईओ ने यहां भी अपना पत्ता जमा दिया। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक विद्यालय के कायाकल्प को लेकर तीन लाख रूपये प्राप्त हुए थे। इस तरह से 151 विद्यालयों के नाम पर करीब 4 करोड़ रूपये सीधी को मिले थे। यह राशि भी विद्यालयों के कायाकल्प के नाम पर खर्च कर दी गई है। लेकिन स्थिति यह है कि विद्यालय अब भी वैसे है जैसे पहले थे।
उल्लेखनीय है कि बतौर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी डॉ प्रेमलाल मिश्रा ने जबसे सीधी जिले की शिक्षण व्यवस्था की कमान सम्हाली है समूचा शिक्षा अमला बेलगाम हो गया है। हालत यह है कि शिक्षक स्कूलों की जगह आफिस में अटैचमेंट कराकर तफरी कर रहे है। उधर विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षण व्यवस्था चौपट हो रही है। स्थिति यह है कि यहां पूर्व से पदस्थ लिपिकों को जहां मलाईदार पदों पर बैठा दिया गया है वहीं कार्य के प्रति लापरवाह रहने वाले शिक्षक भी अपनी पदस्थापना डीईओ कार्यालय में करवाकर शिक्षण व्यवस्था प्रभावित कर रहे है।
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50 प्रतिशत कमीशन में बांट दिये काम
अनुरक्षा मद अन्तर्गत जिले के 151 शासकीय विद्यालयों के रंग रोदन को लेकर जारी की गई राशि में व्यापक पैमाने पर गोलमाल किया गया है। सूत्रों की माने तो जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल मिश्रा व डीईओ कार्यालय में अर्सो से कुंडली मारकर बैठे भ्रष्टाचार के लिए चर्चित लिपिकों ने अपने व साहब के नजदीकियों को यह राशि 50 प्रतिशत कमीशन में बांट दी। सूत्रों की माने तो सीधी जिले में अनुरक्षा मद का 50 फीसदी काम रीवा के एक व्यक्ति द्वारा किया गया है।
चर्चा में है 11 लाख रूपये
जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी डॉ प्रेमलाल मिश्रा के घोटालों को लेकर कई प्रमाण सामने आ रहे है। अनुरक्षा मद का मामला जहां सीधी में छाया हुआ है वहीं रीवा में पदस्थापना के दौरान डॉ प्रेमलाल मिश्रा ने बतौर रमसा प्रभारी करीब 11 लाख रूपये फर्जी भुगतान कर आहरित लिया था। हलाकि इस मामले की शिकायत होने पर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जांच टीम गठित कर दी गई है इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा संयुक्त संचालक रीवा को सौंपा गया है।