MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने लंबे इंतजार के बाद नई तबादला नीति जारी कर दी है। इस नीति को अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे सरकारी कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं। नई नीति के तहत विभागीय मंत्रियों को कर्मचारियों के स्थानांतरण की स्वीकृति देने का अधिकार मिलेगा, जिससे तबादलों की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सकेगी।
तबादला नीति में प्रमुख बदलाव
1. विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण
यदि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ लोकायुक्त, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, पुलिस या अभियोजन कार्यवाही लंबित है, तो निष्पक्ष जांच के लिए उनका स्थानांतरण किया जा सकता है।
2. रिक्त पदों पर स्थानांतरण
निलंबन, सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, त्यागपत्र, प्रतिनियुक्ति से वापसी या मृत्यु के कारण खाली हुए पदों पर लोकहित को ध्यान में रखते हुए तबादले किए जाएंगे।
3. गंभीर बीमारियों के मामलों में प्राथमिकता
यदि किसी कर्मचारी या उसके परिवार का सदस्य कैंसर, हृदय रोग, लकवा जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो उनके तबादले में प्राथमिकता दी जाएगी।
4. न्यायिक आदेशों का पालन
यदि किसी न्यायालय के आदेश के अनुसार तबादला अनिवार्य हो जाता है और संबंधित कर्मचारी पर कोई विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित नहीं है, तो उसका स्थानांतरण किया जाएगा।
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नई तबादला नीति का प्रभाव
मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारी लंबे समय से तबादला नीति का इंतजार कर रहे थे। 2022 के बाद पहली बार यह नीति आई है, जिससे विभिन्न विभागों में स्थानांतरण की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकेगी। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तबादले सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही किए जाएंगे और अनावश्यक बदलाव से बचा जाएगा।
इस नीति के आने से उन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो अपने कार्यस्थल में किसी कारणवश परेशान थे या विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण चाहते थे।