उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आउटसोर्सिंग के जरिए होने वाली भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” के गठन का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले से भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
अब नहीं चलेगी मनमानी भर्ती
अब तक कई विभागों में आउटसोर्सिंग के नाम पर मनमानी भर्तियां होती थीं, जहां बिना योग्यता के ही अपनों को नौकरी दी जाती थी। कुछ मामलों में तो फर्जी नियुक्तियां दिखाकर वेतन निकाला जाता था। नई व्यवस्था के तहत, भर्तियां योग्यता, आयु और पारिवारिक आय जैसे तय मानकों के आधार पर की जाएंगी।
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महिलाओं को मिलेगी विशेष प्राथमिकता
सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को विशेष प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा।
भर्ती प्रक्रिया के मुख्य मानक
नए नियमों के तहत अभ्यर्थियों का चयन निम्नलिखित आधारों पर होगा:
✔ पारिवारिक आय – निम्न आय वर्ग को प्राथमिकता
✔ आयु सीमा – निर्धारित आयु सीमा के भीतर चयन
✔ शैक्षणिक योग्यता – पद के अनुरूप आवश्यक योग्यता
✔ निवास क्षेत्र – ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता
✔ भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रिया – साक्षात्कार को समाप्त कर पूरी तरह मेरिट आधारित चयन
भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर लगेगा अंकुश
नए निगम के जरिए योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया लागू होने से राज्य में पारदर्शिता आएगी और भर्ती घोटालों पर रोक लगेगी। योगी सरकार का यह कदम युवाओं को निष्पक्ष अवसर देने के लिए एक बड़ी पहल साबित होगा।