किसी भी कर्मचारी के जीवन में रिटायरमेंट एक अहम मोड़ होता है। यह वो पल होता है जब व्यक्ति अपने लंबे कार्यकाल को अलविदा कहता है और जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत करता है। रिटायरमेंट को लेकर अक्सर लोगों में उत्साह होता है, लेकिन इसके साथ ही कई बार यह मुद्दा बहस का कारण भी बन जाता है—खासतौर पर रिटायरमेंट की उम्र को लेकर।
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संसद में गूंजा रिटायरमेंट का मुद्दा
हाल ही में राज्यसभा में सांसद तेजवीर सिंह ने रिटायरमेंट की उम्र से जुड़ी कई अहम बातें सरकार के सामने रखीं। उन्होंने जानना चाहा कि क्या सरकार जल्दी रिटायरमेंट या उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है? साथ ही यह भी पूछा कि अगर कोई कर्मचारी देर से रिटायर होना चाहता है, तो क्या उसके लिए कोई विकल्प मौजूद हैं?
सरकार ने क्या कहा
इन सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि फिलहाल सरकार का रिटायरमेंट की उम्र में कोई बदलाव करने का इरादा नहीं है। न ही जल्दी रिटायरमेंट और न ही उम्र बढ़ाने को लेकर कोई नई योजना बनाई गई है। इस बयान से उन सभी अटकलों पर विराम लग गया जो सोशल मीडिया पर अक्सर देखी जाती हैं।
समय से पहले रिटायरमेंट: कब और क्यों
हालांकि मंत्री ने यह जरूर कहा कि मौजूदा नियमों के तहत कुछ विशेष परिस्थितियों में कर्मचारी समय से पहले रिटायरमेंट ले सकते हैं। केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम, 2021 में इसका प्रावधान पहले से मौजूद है। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें, पारिवारिक जिम्मेदारियां या निजी कारण इसमें मुख्य रूप से शामिल होते हैं।
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नई राहों की खोज
कई कर्मचारी अपने सपनों को साकार करने के लिए भी समय से पहले सेवा छोड़ना पसंद करते हैं। कोई खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है, तो कोई अपने शौक को करियर में बदलना चाहता है। ऐसे कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है, जो उन्हें गरिमा के साथ नई शुरुआत का मौका देती है।
रिटायरमेंट की उम्र: बढ़े या घटे
बीते कुछ वर्षों में कई संगठनों और यूनियनों ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग की है। उनका तर्क है कि आज की जीवनशैली और चिकित्सा सुविधाएं लोगों को अधिक सक्रिय बनाए रखती हैं। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रिटायरमेंट की उम्र घटाकर युवाओं को नौकरी का अवसर दिया जाना चाहिए।