देश की लगातार आगे बढ़ती सड़क परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा काफी प्रयास किये जा रहे हैं हाल ही में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने पूरे भारत में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आधारित टोल संग्रह शुरू करने की घोषणा की आइए जानें कैसे काम करेगी यह तकनीक और इसे लेकर अब तक क्या अपडेट हैं।
https://prathamnyaynews.com/business/40770/
FASTag और GPS-आधारित टोल संग्रह के बीच अंतर
फास्टैग एक सुविधा वॉलेट की तरह है जब भी वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है तो सिस्टम टोल शुल्क की स्वचालित कटौती की अनुमति देता है FASTag खाता सीधे बैंक खाते या वॉलेट से जुड़ा होता है।
जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन फास्टैग से अलग होगा यह पूरी यात्रा के दौरान वाहन को ट्रैक करेगा और जीपीएस के जरिए वाहन की गतिविधियों पर नजर रखेगा और टोल टैक्स वसूल करेगा।
टोल संग्रहण बूथों में सुधार किया जाएगा
जब वाहन टोल गेट से गुजरता है तो एक स्कैनर FASTag स्टिकर को स्कैन करता है और आवश्यक शुल्क स्वचालित रूप से काट लिया जाता है इस तकनीक के परिणामस्वरूप वाहनों के लिए यात्रा का समय कम हो गया है, बेहतर पारदर्शिता आई है और टोल प्लाजा पर भीड़ कम हो गई है अब सरकार इस उद्देश्य के लिए और अधिक अद्यतन प्रणाली लाने की योजना बना रही है।
https://prathamnyaynews.com/business/40754/