मध्य प्रदेश का रीवा जिला सिर्फ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की हरियाली, घने जंगल और जलप्रपात इसे एक अनोखी पहचान देते हैं। इन्हीं प्राकृतिक चमत्कारों में शामिल है पूर्वा जलप्रपात, जो अपने अद्वितीय सौंदर्य के कारण पूरे मध्य भारत में प्रसिद्ध है।
प्राकृतिक सौंदर्य का भव्य नज़ारा
पूर्वा जलप्रपात रीवा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर, वीणा-सेमरिया मार्ग पर स्थित है। यह झरना गोदहा गांव पार करने के बाद पुरवा गांव के समीप मिलता है। लगभग 70 मीटर ऊंचाई से गिरता यह झरना मानसून के दौरान एक जीवंत चित्र जैसा प्रतीत होता है। वर्षा ऋतु में जब तमसा नदी (या टोंस नदी) अपने पूरे वेग पर होती है, तो यह झरना अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है।
प्रकृति और आस्था का मिलन स्थल
पूर्वा झरने के निकट ही बसामन मामा नामक धार्मिक स्थल स्थित है, जो स्थानीय आस्था का केंद्र है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल प्राकृतिक नज़ारों का आनंद लेते हैं, बल्कि आध्यात्मिक शांति का भी अनुभव करते हैं। यह स्थान एक साथ प्रकृति प्रेमियों और श्रद्धालुओं दोनों को आकर्षित करता है।
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मानसून में खिल उठता है सौंदर्य
जब बादलों की गर्जना होती है और धरती हरी चादर ओढ़ लेती है, तब पूर्वा जलप्रपात अपने पूरे यौवन पर होता है। पानी की तेज़ गर्जना और आस-पास की हरियाली मन को सुकून देती है। यह समय फोटोग्राफी और प्रकृति अवलोकन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
कैसे पहुंचे इस स्वर्गिक स्थल तक?
रीवा शहर से पूर्वा जलप्रपात तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। निजी वाहन या टैक्सी के जरिए मात्र 25 किलोमीटर की यात्रा तय कर आप इस अद्भुत स्थल का आनंद ले सकते हैं। रास्ते में पड़ने वाले नज़ारे भी यात्रा को यादगार बना देते हैं।