देश की सबसे खूबसूरत IAS 23 साल की उम्र में बनी कलेक्टर!

आईएएस बनने का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहता है पहले UPSC की प्री और मेन्स की परीक्षा वाह उसके बाद इंटरव्यू में सिलेक्शन।
बहुत ही कठिन परिश्रम करके आईएएस आईपीएस बनने का मौका प्राप्त होता है।
हम आपको एक ऐसे ही संघर्षशील महिला आईएएस की स्टोरी अपने आर्टिकल के माध्यम से आप तक पहुंचा रहे हैं
खबर में अंत तक बने रहें।भारत की एक बहुत ही खूबसूरत आईएएस अधिकारी के तौर पर 23 वर्ष में जिन्हें नियुक्ति मिली
अपने देश की सेवा करने और अपने जिले की सेवा करने के लिए स्मिता सभरवाल सबसे कम उम्र में इन्होंने आईएएस ऑफिसर के रूप में कमान संभाली।
सबसे पहले इनकी नियुक्ति अतिरिक्त सचिव के रूप में सीएम कार्यालय में हुई थी। स्मिता सभरवाल की जीवन परिचय की बात करें तो यह युवा बुद्धि सेना के एक अधिकारी की बेटी है मूल रूप से यह दार्जिलिंग के निवासी थे
यह युवा बुद्धि सेना के एक अधिकारी की बेटी है मूल रूप से यह दार्जिलिंग के निवासी थे ।
लेकिन का वर्तमान निवास हैदराबाद में ही है
अपने बचपन के सपने को देखते हुए।
IAS ऑफिसर बनना उनका कभी सपना नहीं रहा। है ना कि वह केवल शिक्षा सीखने और अपने स्मरण शक्ति को बढ़ाने में विश्वास करती थी।
19 जून 1977 में दार्जिलिंग में जन्मी स्मिता सभरवाल करनल प्रणब दास की बेटी है
स्मिता की पढ़ाई ग्रेजुएशन
स्मिता ने अपना ग्रेजुएशन कामर्स से किया और 23 साल की उम्र में ही इन्होंने UPSC की परीक्षा को पास कर ऑल इंडिया रैंक में चौथा स्थान प्राप्त किया।
स्मिता अग्रवाल की पहली नियुक्ति चित्तूर जिले मैं सब कलेक्टर के रूप में हुई।
उसके बाद आंध्र प्रदेश के कई जिलों में एक दशक तक काम करते रहने के बाद उन्हें अप्रैल 2011 में करीमनगर जिले का डीएम बनाया गया।
उसके बाद उन्होंने हेल्थ केयर सेंक्टर अम्माललाना प्रोजेक्ट की शुरुआत की ।
इस प्रोजेक्ट को सफलता के चलते स्मिता प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया।
स्मिता ने करीमनगर में डीएम के पद पर रहने के दौरान करीमनगर को वेस्ट टाउन का अवार्ड भी मिला चुका है ।
स्मिता जी ने कम उम्र में इतनी सारी उपलब्धियां हासिल कर अपने आप को एक आदर्श के रूप में स्थापित किया।
भारत की सबसे कम उम्र की महिला बनकर भारत के लिए अपनी सेवाएं दे रही हैं ।
प्रत्येक UPSC पेपर की तैयारी
करने वाले स्टूडेंट्स के लिए इनकी कहानी प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करती है।