पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भरी हुंकार विंध्य में वापसी को कांग्रेस हैं तैयार!
मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में जुटी है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं और विधायकों को संगठन के काम से मुक्त कर दिया है।
प्रदेश स्तर से लेकर बूथ लेवल तक संगठन में पदों पर काबिज कार्यकर्ताओं का परफॉर्मेंस ऑडिट किया जा रहा है।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह संगठन की नब्ज टटोलने में जुटे हैं। कल यानी 10 मार्च से 12 मार्च तक तीन दिन विंध्य क्षेत्र
में रहकर दिग्गी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठकें लेकर संगठन की जानकारी लेंगे।
दिग्विजय सिंह कल यानी 10 मार्च को सतना पहुंचेंगे। वे यहां कांग्रेस के स्थानीय और वरिष्ठ नेताओं, पुराने कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।
इसके बाद रामपुर बघेलान विधानसभा और 11 मार्च को रीवा विधानसभा और 12 मार्च को मनगवां और त्योंथर विधानसभा के अंतर्गत ब्लॉक, मंडलम्, सेक्टर
कमेटियों की बैठक लेंगे। बैठक में दिग्विजय सिंह एक-एक अध्यक्ष से उसके क्षेत्र में दिए गए टास्क की स्टेटस रिपोर्ट तलब करेंगे। किस ब्लॉक, मंड़लम सेक्टर में
कौन सा काम अधूरा है। बैठक के बाद निष्क्रिय और काम में लापरवाही करने वाले पदाधिकारियों की रिपोर्ट बनाकर पीसीसी चीफ कमलनाथ को देंगे।
विंध्य में वापसी तैयारी कर रही कांग्रेस
विंध्य को अर्जुन सिंह और श्रीनिवास तिवारी के जमाने से कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विंध्य क्षेत्र में करारी हार का सामना करना पड़ा
था। विंध्य क्षेत्र 7 जिलों में विधानसभा की 30 सीटें हैं। इनमें से 15 सीटें ऐसी हैं
जहां कांग्रेस पिछले तीन विधानसभा चुनावों से लगातार हार रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 6 सीटें मिली थी।
2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अपने गढ़ चुरहट विधानसभा से 6 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हार गए थे।
2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 2 सीटें ही मिल पाई थीं। विंध्य क्षेत्र की लोकसभा की चारों सीटें बीजेपी के पास ही हैं