मऊगंज

विंध्य क्षेत्र की 36.00000 जनता की निगाहें टिकी है आज। 53वां जिला मध्य प्रदेश का मऊगंज

विंध्य क्षेत्र के 36 लाख जनता की निगाहें इस मुद्दे पर टिकी हुई है कि कब मुख्यमंत्री आएंगे और मऊगंज जिला की घोषणा कर देंगे वही आज विशाल कार्यक्रम रखा गया है हर व्यक्ति मऊगंज जिले की आस लेकर इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ है अब से महज कुछ घंटों के अंदर मऊगंज जिला की घोषणा कर दी जा सकती है 

संभावित मऊगंज जिला को मऊगंज, हनुमना और नईगढ़ी तहसील को मिलाकर बनाया जा रहा है। जिसमे मऊगंज व देवतालाब विधानसभा शामिल होंगी। कहते है कि पहले त्योंथर क्षेत्र को भी मऊगंज जिले में शामिल करने की योजना थी। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते प्रस्ताव से नाम हटा दिया गया है। हालांकि अंतिम निर्णय राज्य शासन का होगा। जो 4 मार्च के दिन आम जानता के बीच होगा।

कैसे शुरू हुआ जिला बनाने का सिलसिला

बता दें​ कि वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश का छत्तीसगढ़ से बटवारा हुआ। उस समय जिलों की संख्या 45 थी। 2003 में मुख्यमंत्री उमा भारती ने अनूपपुर, बुरहानपुर और अशोकनगर जिला बनाया। ऐसे में जिलों की संख्या 48 हो गई। वर्ष 2008 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2 नए जिले बनाए। जिसमे अलीराजपुर को (झाबुआ से) और सिंगरौली को (सीधी से) बनाया। इसके बाद प्रदेश में जिला की संख्या 50 हो गई। 16 अगस्त 2013 को शाजापुर जिले को काटकर आगर मालवा जिला बनाया गया

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