गणतंत्र दिवस पर पीएम नहीं राष्ट्रपति फहराते हैं तिरंगा जानें क्या है इसकी वजह
देशभर में गुरुवार को 74वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जाएगा। इस खास मौके पर हर साल की तरह देश के राष्ट्रपति झंडा फहराएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन प्रधानमंत्री की जगह राष्ट्रपति क्यों झंडा फहराते हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसकी वजह
ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि जब गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते है, तो स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री क्यों ध्वजारोहण करते हैं। अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है, तो हम आपको बताएंगे आखिर ऐसा क्यों होता है।
गणतंत्र दिवस पर इसलिए राष्ट्रपति फहराते हैं झंडा
दरअसल, 15 अगस्त, 1947 के दिन जब भारत को आजादी मिली, तो उस समय प्रधानमंत्री ही देश के मुखिया थे। इसी वजह से आजादी मिलने पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले से ध्वजारोहण किया था। लेकिन आजादी के बाद जब 26 जनवरी, 1950 में देश का संविधान लागू किया गया, तो राष्ट्रपति की शपथ ले चुके डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के संवैधानिक प्रमुख थे।
ऐसे में उन्होंने गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
ध्वजारोहण और फहराने में अंतर
बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि ध्वजारोहण और झंडा फहराने में भी काफी अंतर है। दरअसल, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर बांधा जाता है और वहीं से झंडा फहराया जाता है। इसलिए गणतंत्र दिवस के दिन ध्वजारोहण नहीं, बल्कि झंडा फहराया जाता है। वहीं, अगर बात करें स्वतंत्रता दिवस की तो 15 अगस्त के दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की तरफ खींचा जाता है