“ठीक है! अब आप हट जाइये, और भी लोग मिलने वाले हैं।”

आज के समय में अनुष्का और विराट कोहली जैसे ख्यातिप्राप्त लोगों को एक मिनट में ही हट जाने के लिए केवल एक संत ही कह सकता है।

विराट कोहली और अनुष्का वृंदावन में परमबीत राग, ज्ञान और वृंदावन रसभक्ति की मूर्ति पूज्य श्री हित प्रेमानन्द बाबा जी महाराज की शरण में पहुँचे थे। बाबा उनको नहीं पहचानते थे। उन्हें पहचानना भी नहीं चाहिए, संतों को सिनेमा और क्रिकेट से भला क्या ही प्रयोजन हो? सेवादार ने जब महाराज से उनका परिचय कराया तो उन्होंने दोनों को प्रसाद स्वरूप चुंदरी और माला पहनवाई, और तुरंत दूसरे भक्तों की सुनने लगे।

 कम से कम ईश्वर के दरबार में सबके साथ समान व्यवहार होना ही चाहिए। यदि वहाँ भी किसी को विशेष और किसी को सामान्य होने का बोध होने लगे तो यह ईश्वर का अपमान होगा।

सुखद यह भी था कि विराट और अनुष्का भी तुरंत शीश नवा कर उनके आगे से हट गए। उन्होंने कोई नौटंकी नहीं की, वीआईपी होने का दिखावा नहीं किया। ईश्वर के दरबार में जाते समय इतनी सहजता और इतना समर्पण होना ही चाहिए। ये जैसे फोटो और वीडियो सामने आया तो पूरे देश में चर्चा शुरू हो गई लोग उस वीडियो और चैनल को सर्च करने लगे। 

Exit mobile version