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रीवा कराधान घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार 13 करोड़ का किया था स्कैम चढा पुलिस के हत्थे

रीवा कराधान घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार 13 करोड़ का स्कैम करने वाले पर 5000 रुपए इनाम था

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में हुए 13 करोड़ रुपए के कराधान घोटाले को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड आखिरकार पकड़ा गया. कराधान घोटाले का मुख्य आरोपी राजेश सोनी गुरुवार 19 जनवरी के दिन सिविल लाइंस थाना थाना प्रभारी द्वारा गिरफ्तार किया गया. जून 2020 में Karadhan Ghotale के मास्टरमाइंड राजेश सोनी पर मनगवा में FIR क्रमांक 470/2020 IPC धारा 409, 420, 120 बी, 66सी, 66डी एवं 34 के तहत दर्ज मामला दर्ज किया गया था तब से लेकर अबतक वह फरार था

 ख़बर पर प्रकाश 

पता चला है कि कराधान घोटाले के मुख्य आरोपी राजेश सोनी को रीवा सिविल लाइंस थाना प्रभारी हितेंद्र नाथ शर्मा द्वारा हिरासत में लिया गया है. यह आरोपी इतना शातिर है कि इसने हाईकोर्ट जबलपुर को भी गलत खात्मा जानकारी देकर गुमराह कर दिया था. आरोप है कि राजेश सोनी पर बड़े नेताओं का संरक्षण था इसी लिए अबतक इसे पकड़ा नहीं जा रहा था

क्या है कराधान घोटाला 

 दरअसल 2019 में प्रदेश की 1148 ग्राम पंचायतों को वर्ष 2017-2018 के कार्यों के लिए 300 करोड़ 80 लाख रुपए की ग्रांट मिली थी. जिनमे से रीवा की गंगदेव जनपद की 38 पंचायतों में 12 करोड़ रुपए की परफाॅरमेंस ग्रांट दी गई थी. मगर 38 पंचायतों में 12 करोड़ रुपए की परफाॅरमेंस ग्रांट मिलने के छह दिन में एकमात्र फर्म को 5.80 करोड़ की राशि जारी होने के साथ ही खर्च कर दी। इतने दिनों में सात करोड़ से ज्यादा राशि निजी फर्मों के खाते में भेज दी गई, जबकि पंचायत राज संचालनालय से कार्ययोजना ही नहीं भेजी गई थी

इस ग्रांट में से 7.14 करोड़ रुपए का 28 अगस्त से 3 सितंबर 2019 यानी छह दिन में भुगतान हो गया। इस तरह ग्रांट के ताबड़तोड़ आहरण की शिकायतों के बाद जनपद पंचायत सीईओ के नेतृत्व में जांच बैठाई गई थी। जांच में पाया गया कि शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन एंड मटेरियल सप्लायर को सबसे ज्यादा 5.80 करोेड़ का भुगतान हुआ है

1 अक्टूबर 2019 को इसी फर्म को 37 लाख जारी हुए। इस तरह एक फर्म को 38 पंचायतों में 6 करोड़ 17 लाख रुपए जारी कर दिए गए। इसके अलावा गुप्ता फेब्रिकेशन को 28 लाख, न्यू प्रवीण ट्रेडस को 28 लाख, अनुज ट्रेडर्स को 25 लाख दिए गए। यह राशि अलग-अलग पंचायतों में दी गई है। जांच में पंचायतराज संचालनालय से 4 सितंबर को परफाॅरमेंस गारंटी की कार्ययोजना भेजी गई। वहीं पंचायतों ने उसके पहले ही 8 करोड़ 23 लाख रुपए खर्च बता दिए गए।

मास्टरमाइंड राजेश सोनी तब पंचायतों का नोडल हुआ करता था. जिसने सभी सरपंचों के फर्जी हस्ताक्षर तैयार करके राशि का आहरण किया और शिव शक्ति ट्रेंडर प्रोपराइटर नागेंद्र सिंह के खाते में भेज दिया। इस घोटाले में तत्कालीन रोजगार सहायक प्रतिभा सिंह का नाम भी शामिल था. प्रतिभा सिंह शिव शक्ति ट्रेडर्स के मालिक नागेंद्र सिंह की बेटी है. इस पूरे मामले में तीस आरोपी हैं. जिनमे से कुछ पकड़े गए हैं नागेंद्र सिंह जैसे आरोपी पैसों के दम पर आराम से घूम-फिर रहे हैं और कोई उसे पकड़ नहीं पा रहा है

कैसे पकड़ा गया कराधान घोटाले का मास्टरमाइंड 

इस घोटाले का पर्दाफाश करने वालों का कहना है कि- राजेश सोनी जो कराधान घोटाले का मास्टरमाइंड है वह असल में कहीं छिपा था ही नहीं। वह यहीं रीवा जिले में आराम से बेफ्रिक होकर घूमता रहता था. जबकि उसके ऊपर 5 हज़ार रुपए का इनाम रखा गया था

 लेकिन गुरुवार को वह रीवा शहर के जिला व्यापार एवं रोजगार केंद्र कार्यालय के पास सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर के पास से पकड़ा गया

रीवा गंगेव की 38 पंचायतों में हुए 13 करोड़ रुपए के घोटाले की पोल खोलने वाले RTI एक्टीविट्स्ट शिवानंद द्विवेदी का कहना है कि यह मामला पूरे प्रदेश की 1148 ग्राम पंचायतों का है

जिसमे रीवा जिले के गंगेव की 38 पंचायतों को मिली ग्रांट का बंदरबांट करने वाले आरोपियों के खिलाफ हम पिछले तीन साल से गिरफ़्तारी की मांग कर रहे थे. इस घोटाले का मास्टरमाइंड तो पकड़ा गया मगर जिसके खाते में यह राशि भेजी गई उसे अबतक नहीं गिरफ्तार किया गया है

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