राधा भदौरिया ने 2017 में अवमानना याचिका दायर की थी। उनकी ओर से अधिवक्ता महेश गोयल ने उच्च न्यायालय को बताया कि राधा भदौरिया के पति पीडब्ल्यूडी भिंड में दैनिक वेतनभोगी के पद पर कार्य कर रहे थे। श्रम न्यायालय ने वेतन का बकाया देने का आदेश दिया था। PWD को आठ लाख रुपये राधा भदौरिया को देने थे। जब रुपये नहीं दिए तो कोर्ट ने RRC जारी की।
RRC के अनुसार कलेक्टर को पीडब्ल्यूडी से वसूली करके राधा भदोरिया को 8 लाख रुपए देने थे परंतु राधा भदोरिया को केवल 3 लाख रुपए ही दिए गए। पांच लाख रुपये बकाया था, जिसके चलते याचिका दिनांक को भिंड कलेक्टर श्री इलैयाराजा टी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। उन्होंने ना तो जवाब दिया और ना ही उपस्थित हुए। भिंड से जबलपुर और जबलपुर से इन दिनों इंदौर के कलेक्टर हैं। कोई उत्तर न मिलने के कारण हाईकोर्ट ने वारंट जारी करके इंदौर पुलिस कमिश्नर को निर्देशित किया है कि वह इलैयाराजाआईएएस की हाईकोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करवाएं।
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