पुलिस अधीक्षक डॉ.रविन्द्र वर्मा के निर्देश में एवं अति.पुलिस अधीक्षक अरविन्द श्रीवास्तव व एसडीओपी चुरहट आशुतोष द्विवेदी के मार्गदर्शन में तथा थाना प्रभारी चुरहट पुष्पेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में चुरहट पुलिस ने रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कर रहे वाहन को जप्त कर चालक मय वाहन स्वामी के विरुद्ध मामला किया पंजीबद्ध।
बीते दिन कल थाना प्रभारी चुरहट को मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम पावा मदरहई घाट सोन नदी से एक स्वराज ट्रेक्टर में रेत चोरी कर अवैध रूप से परिहन किया जा रहा है। थाना प्रभारी द्वारा उक्त सूचना से वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया जाकर सूचना की तस्दीक एवं कार्यवाही हेतु टीम गठित कर रवाना किया गया। जो पावा मदरहई सोन नदी, सोन घडियाल प्रतिबंधित क्षेत्र मुखबिर के बताए स्थान पर पहुचे तो ग्राम पावा मदहई घाट सोन नदी सोन घडियाल प्रतिबंधित क्षेत्र मदरहई घाट के तरफ से एक स्वराज ट्रेक्टर बिना नंबरी ट्राली में रेत भरी हुई थी जो सोन नदी से करीब 200 मीटर ऊपर कच्चे रास्ते से होकर नदी से बाहर आता हुआ दिखा जिसकी हमराह स्टाफ के माध्यम से घेरा बंदी की गई।
तो उक्त स्वराज ट्रेक्टर का चालक दूर से ही पुलिस को देखकर वाहन चालक मौके पर ट्राली में भरी बालू खाली कर ट्रेक्टर ट्राली को छोडकर नदी के किनारे झाडियों में छिपता हुआ। अंधेरा का फायदा लेकर भाग गया।मौके पर पहुँचा तो वाहन में सोन नदी की करीब 20 तगाड़ी रेत भरी हुई पाई गई।
वाहन की तलाशी ली गई तो वाहन में रेत परिवहन एवं वाहन से संबंधित कोई कागजात नहीं पाए गए। इस प्रकार वाहन बिना नंबरी ट्रेक्टर के वाहन स्वामी एवं वाहन चालक के द्वारा सोन नदी सोन घडियाल प्रतिबंधित क्षेत्र ग्राम पावा मदरहई घाट से सोन नदी के जलजीवों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हुए एवं पर्यावरण को क्षति पहुँचाते हुए।
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सोन नदी की खनिज संपदा रेत चोरी कर अवैध रूप से परिवहन करना अपराध धारा 379,414 ता.हि, 4/21 खान खनिज अधि. 53 (1,3,5) म.प्र.गौण खनिज अधि., 27, 29, 39, 41,51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 2,41,52 भारतीय वन अधि. 15 पर्यावरण संरक्षण अधि. एवं 130(3)/177 मो. व्ही. एक्ट के अंतर्गत पाए जाने से उक्त ट्रेक्टर वाहन जिसमें करीब 20 तगाड़ी रेत लोड है कीमती 200000 रूपए की गवाहों के समक्ष जप्त किया। अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
उपरोक्त समस्त कार्यवाही में थाना प्रभारी चुरहट निरी. पुष्पेंद्र मिश्रा, प्र.आर. करन तिवारी, आशीष सिंह, आर. विवेक द्विवेदी, मनीष शुक्ला का सराहनीय योगदान रहा।