10 वर्षीय अबोधबालक के सिर से उठा दादा-दादी माता-पिता का हांथ, यह निगाहें बहुत कुछ बोलती हैं। उदासी की वायरल तस्वीर 

सीधी जिले के मोहनिया टनल के पास सड़क दुर्घटना में 1 दर्जन से अधिक यात्रियों की दुखद मौत हो चुकी है तथा सूबे की मुखिया शिवराज सिंह चौहान के द्वारा सभी मृतकों को ₹1000000 की राहत राशि मुआवजा के तौर पर दी गई है परंतु क्या इन रुपयों से वह घाव भर पाएगा जिसे अमित शाह की रैली में मिला है। 

चिताओ के साथ जलती आशाएं

अमित शाह की रैली में तो भाजपा की उपलब्धियों को गिना दिया गया लेकिन इन मृतकों के परिवार वालों को क्या भाजपा की सरकार व उपलब्धियां दिला पाएगी जो वह हमेशा रैलियों में और कार्यक्रमों में बताने से नहीं चूकती है।

सोशल मीडिया पर यह तस्वीर हुई वायरल

हादसे में मारे गए रामपुर नैकिन थाना अंतर्गत चोभरा दिग्विजय सिंह गांव के 8 लोगों की मौत हो गई है जहां पूरे क्षेत्र में 2 दिन तक किसी के घर में चूल्हा नहीं जला है वहीं दूसरी तरफ 10 वर्षीय आशीष कोल केसर से उसके दादा-दादी एवं पिता का साया उठ गया है एवं उसकी मां हॉस्पिटल में अपने जिंदगी की जद्दोजहद कर रही है।

एक साथ दी गई तीनों चिताओं को मुखाग्नि 

आशीष के दादा-दादी एवं पिता की चिता को एक साथ सटाकर बनाया गया था जिसको आशीष नम आंखों से मुखाग्नि दी तथा यह तस्वीर बता रही है कि उसको अभी भी अपने दादा दादी एवं पिता के लौट आने का इंतजार है परंतु वह अबोधबालक यह नहीं जानता कि अब उसके अपने उसके बीच में नहीं है।

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