मध्यप्रदेश

देर रात एक्शन मोड में दिखे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, 11 अधिकारियों और कर्मचारियों की कर दी छुट्टी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव देर रात एक्शन मोड में दिखे। रात में हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री। उस वक्त शिकायत मिलने के बाद बिजली कंपनी के जीएम समेत 11 अधिकारियों और कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने 3 जिलाधिकारियों पर भी गुस्सा जताया।

सोमवार की देर रात सीएम डॉ. मोहन यादव ने ऑनलाइन समाधान की समीक्षा बैठक की। इसी समय, रायसेन जिले में एक व्यक्ति ने बिजली बिल में अनियमितता की शिकायत की, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बिजली वितरण कंपनी के महाप्रबंधक को बर्खास्त कर दिया, जबकि खंडवा जिले में एक लड़की पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज न करने का आरोप लगाया गया। लेकिन मुख्यमंत्री ने सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया।

पंचायत सचिव निलंबित

मुख्यमंत्री ने एसडीओपी-टीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया और एसपी को जांच का जिम्मा सौंपा। इधर झाबुआ में कपिलधारा कूप निर्माण योजना के भुगतान में देरी पर पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया। सीईओ-लेखा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

तीनों कलेक्टरों के खिलाफ जताया गुस्सा

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीनों कलेक्टरों पर नाराजगी जताई। छात्रवृत्ति का वितरण समय पर नहीं होने पर अशोकनगर कलेक्टर को फटकार लगाई गई। जब सीएम ने अलीराजपुर कलेक्टर से पूछा कि दिव्यांगों का क्या हुआ, तो कलेक्टर समझाने लगे तो मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा मत बोलो, जितना बोलोगे उतना फंसोगे। यहां बालाघाट कलेक्टर को भी बीच में नहीं बैठने के लिए डांट पड़ी। पहले वीसी में आईटी और डीआइजी बैठते थे, मुख्यमंत्री ने पूछा बीच में कौन बैठा है? आईजी को हटाओ और आप बीच में बैठ जाओ, प्रशासनिक अधिकारी बन जाओ।

अच्छा प्रदर्शन करने वालों को पदोन्नति मिलती है

सीएम मोहन यादव ने कहा कि समाज के प्रति हम सभी की जिम्मेदारी है. सरकारी कार्य में लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. देरी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों में शिकायत निवारण की गहन समीक्षा के बाद अच्छा काम करने वालों को पुरस्कृत किया जाता है।

समाचार

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